Shimla: अगले साल शुरू होगा रोपवे प्रोजेक्ट का काम, अग्निहोत्री बोले- 'सभी औपचारिकताएं पूर्ण, वन विभाग से ली जा रही स्वीकृति'
शिमला में प्रदेश सरकार रोपवे ट्रांसपोर्ट को विकसित करने जा रही है जो विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट होगा। विश्व में सबसे बड़ा 32 किलोमीटर का प्रोजेक्ट दक्षिण अमेरिका के बोलिविया में है। शिमला में 13.79 किलोमीटर लंबी परियोजना पर 1555 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह जानकारी उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने शुक्रवार को शिमला में दी।
By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sat, 09 Dec 2023 09:19 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, शिमला। बढ़ती यातायात समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए प्रदेश सरकार शिमला में रोपवे ट्रांसपोर्ट को विकसित करने जा रही है, जो विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट होगा। विश्व में सबसे बड़ा 32 किलोमीटर का प्रोजेक्ट दक्षिण अमेरिका के बोलिविया में है। शिमला में 13.79 किलोमीटर लंबी परियोजना पर 1555 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
उपमुख्यमंत्री ने दी जानकारी
प्रदेश सरकार ने इसको लेकर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है व अक्टूबर, 2024 से इसका कार्य शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। यह जानकारी उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने शुक्रवार को शिमला में दी। शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि रोपवे ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट को लेकर लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। हालांकि वन विभाग से क्लीयरेंस ली जा रही है।
तीन माह में हासिल की जाएगी क्लीयरेंस
क्लीयरेंस तीन माह में हासिल कर ली जाएगी। इस प्रोजेक्ट के तहत शिमला में रोपवे का जाल बिछाया जाएगा। शुरुआती चरण में इस सिस्टम में 222 कैबिन लगाए जाएंगे और पूरा होने पर 660 कैबिन होंगे। प्रत्येक कैबिन में आठ से 10 लोगों की ले जाने की क्षमता होगी।यह भी पढ़ें: Shimla News: सर्दियों के मौसम में शिकारियों पर तीसरी आंख की नजर, Sanctuary Area में वन विभाग ने लगाए CCTV कैमरे
दो से तीन मिनट के भीतर स्टेशन पर लोगों के लिए कैबिन उपलब्ध हो जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट पीपीपी मोड पर न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) के सहयोग से बनाया जा रहा है, जिसमें प्रदेश सरकार की भी हिस्सेदारी है।
20 प्रतिशत प्रदेश सरकार की इक्विटी
इसमें 72 प्रतिशत ग्रांट, आठ प्रतिशत ऋण तथा 20 प्रतिशत प्रदेश सरकार की इक्विटी होगी। इसकी डीपीआर बनकर तैयार कर दी गई है, जिसे एनडीबी बैंक को सौंपा जा चुका है। कंसल्टेंट को भी नियुक्त कर दिया गया है। इसे शहर के अगले 40 वर्ष के यातायात को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है।
अग्निहोत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट को पांच वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि ढाई वर्ष में पहले चरण का प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा। इसके लिए टेंडर करने जा रहे हैं, जिसमें डोपल, लाइटनर जैसी विश्व की बड़ी कंपनियां भाग लेंगी।
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