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सिरमौर रियासत के स्वर्गीय महाराजा उदय प्रकाश की स्मृति में लोगों के लिए शाही महल में किया गया भंडारे का आयोजन

हिमाचल प्रदेश में सिरमौर रियासत के स्‍वर्गीय महाराजा उदय प्रकाश की स्‍मृति में लोगों के लिए शाही महल में भंडारे का आयोजन किया गया। विदित रहे की इससे पहले सिरमौर शाही महल के द्वार केवल नगर खेड़ा की पूजा के लिए वर्ष में एक बार ही खोले जाते थे।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 12 Mar 2023 04:36 PM (IST)
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स्वर्गीय महाराजा उदय प्रकाश की स्मृति में लोगों के लिए शाही महल में किया गया भंडारे का आयोजन
जागरण संवाददाता, नाहन: सिरमौर रियासत के अंतिम महाराजा स्वर्गीय उदय प्रकाश की स्मृति में रविवार को सिरमौर के लोगों के लिए शाही परिवार की ओर से भंडारे का आयोजन किया गया। महाराजा उदय प्रकाश का देहांत सिरमौर हाउस देहरादून में 23 फरवरी को हुआ था। सिरमौर की जनता के लिए इस स्मृति भंडारे का आयोजन महारानी रसिका प्रकाश, उनकी पुत्रियां निलेश्वरी कुमार तथा दिव्यश्री कुमारी की ओर से किया गया था।

महाराजा की दोनों बेटियों ने की पत्रकारों से बातचीत 

स्मृति भंडारे ( सहभोज) के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए महाराजा उदय प्रकाश की दोनों बेटियों निलेश्वरी कुमार तथा दिव्यश्री कुमारी ने बताया उनके दाता महाराजा उदय प्रकाश की इच्छा अनुसार जल्द ही वह सिरमौर के शाही महल के द्वार जनता व पर्यटकों के लिए खोलेंगे। अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में शाही महल के द्वार आम जनता सहित देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए खुलेंगे। निलेश्वरी कुमार तथा दिव्यश्री कुमारी ने बताया कि सिरमौर रियासत का यह शाही महल 400 साल पुराना है।

सिरमौर रियासत अपना विशेष स्थान रखती थी

देश की सभी 565 रियासतों में सिरमौर रियासत अपना विशेष स्थान रखती थी। महाराजा राजेंद्र प्रकाश ने सिरमौर रियासत को देश विदेश में अपने अलग ही पहचान स्थापित की थी। स्वर्गीय महाराजा उदय प्रकाश की इच्छा थी कि शाही महल के द्वार सिरमौर की जनता के लिए हमेशा खुले रहे।

देश विदेश के पर्यटकों के लिए शाही महल के खोले जाएंगे द्वार 

अपने दाता की इच्छा का सम्मान करते हुए हमने निर्णय लिया है कि जल्द ही सिरमौर की जनता तथा देश विदेश के पर्यटकों के लिए शाही महल के द्वार खोले जाएंगे। पर्यटकों को सिरमौर का टूर, शाही महल में ठहरने के लिए कमरों के साथ-साथ उन्हें सिरमौरी थाली भी परोसी जाएगी। विदित रहे की इससे पहले सिरमौर शाही महल के द्वार केवल नगर खेड़ा की पूजा के लिए वर्ष में एक बार ही खोले जाते थे।

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