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Himachal News: सिरमौर की बेटी हिमांशी ठाकुर बनी सेना में नर्सिंग लेफ्टिनेंट, AIR में पाया 143वां स्थान

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर (Sirmaur) के अंतर्गत पच्छाद की निवासी हिमांशी ठाकुर सेना में नर्सिंग लेफ्टिनेंट बनी हैं। उन्होंने ऑल इंडिया रैंक में 143वां स्थान हासिल किया है। हिमांशी की इस उपलब्धि से पूरे इलाके में खुशी का माहौल है। हिमांशी के पिता सरकारी स्कूल में टीचर है। वहीं माता उर्मिला ठाकुर व भाई तथा उनकी पत्नी भी शिक्षिका हैं।

By Rajan Punir Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 26 Jul 2024 03:51 PM (IST)
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हिमांशी ठाकुर ने राष्ट्रीय स्तर की शॉर्ट सर्विस परीक्षा में पाया 143वां स्थान

जागरण संवाददाता, नाहन। जिला सिरमौर के पच्छाद उपमंडल की बजगा पंचायत के दभूड़ गांव की बेटी हिमांशी ठाकुर ने राष्ट्रीय स्तर की शॉर्ट सर्विस कमीशन की परीक्षा पहले ही प्रयास में पास कर के सेना में नर्सिंग लेफ्टिनेंट के रूप में चयनित हुई है।

हिमांशी का ऑल इंडिया रैंक 143 रहा, हिमांशी ठाकुर की पहली पोस्टिंग महाराष्ट्र के पुणे में मिलिट्री कमांडिंग हॉस्पिटल खिड़की में हुई है, जहां पर वह 5 अगस्त को अपनी जॉइनिंग करेगी शिक्षक परिवार की बेटी हिमांशी ठाकुर ने भारतीय सेना में नर्सिंग लेफ्टिनेंट बन कर सिरमौर जिला का नाम रोशन किया है।

सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं पिता

हिमांशी के पिता राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि उनका पूरा परिवार शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत है। वो खुद एक सरकारी स्कूल में शिक्षक है, उनकी पत्नी उर्मिला ठाकुर और उनके भाई व उनकी पत्नी भी शिक्षक है।

यही नहीं हिमांशी के दादा पदम स्वरूप सिंह भी शिक्षक के पद से सेवानिवृत हो चुके हैं। हिमांशी ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उसने प्रारंभिक शिक्षा डीएवी स्कूल सराहां से उत्तीर्ण की।

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उसके बाद अपनी 12 वीं कक्षा की पढ़ाई कैरियर अकादमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल नाहन से पूरी की तथा बीएससी नर्सिंग मुरारी लाल मेमोरियल कॉलेज ऑफ नर्सिंग सोलन से की है।

उन्होंने बताया कि वो नर्सिंग कॉलेज की अपनी टीचर से बहुत प्रभावित थी, जब वो कॉलेज के प्रथम वर्ष की छात्रा थी, तो उस टीचर का चयन नर्सिंग लेफ्टिनेंट के लिए हुआ था।

चंडीगढ़ में ली थी कोचिंग

हिमांशी ने उसी दिन ठान लिया था कि एक दिन मुझे भी सेना में नर्सिंग लेफ्टिनेंट बनना है। इसके लिए उन्होंने एक साल चंडीगढ़ में कोचिंग भी ली। वहां से आने के बाद घर पर ही तैयारी की।

हिमांशी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, परिवार जनों व गुरुजनों को देते हुए कहा कि इन सभी का इस मुकाम को हासिल कराने में महत्वपूर्ण योगदान रहा। हिमांशी ठाकुर के चयन से दभूड़ गांव सहित जिला में खुशी की लहर है।

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