Himachal News: कभी भूस्खलन तो कभी अवैध डंपिंग... हिमाचल में बन रहा पहला 'ग्रीन कॉरिडोर' लोगों के लिए बना परेशानी
हिमाचल प्रदेश का पहला निर्माणाधीन ग्रीन कॉरिडोर लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। खराब मौसम के चलते कभी भूस्खलन तो कभी पानी भराव। यहां के स्थानीय लोगों के लिए आए दिन कोई न कोई परेशानी खड़ी हो ही जाती है। सोमवार शाम को उतरी गांव में भूस्खलन से बड़ी-बड़ी चट्टानें सड़क पर गिर गई है जिसके चलते हाइवे 24 घंटे से अधिक समय तक बंद रहा।
जागरण संवाददाता, नाहन। हिमाचल प्रदेश का पहला निर्माणाधीन ग्रीन कॉरिडोर अब जिला सिरमौर के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। भारी भूस्खलन के चलते यह निर्माणाधीन हाईवे कभी भी कहीं भी बंद हो जाता है।
सोमवार शाम 7:00 बजे से मंगलवार देर शाम तक हाईवे उतरी गांव में बंद रहा। सोमवार शाम को उतरी गांव में पहाड़ी से हुए भूस्खलन से बड़ी-बड़ी चट्टानें सड़क पर गिर गई है, जिसके चलते एनएच 24 घंटे से अधिक समय तक बंद रहा।
इसका निर्माण अलग-अलग कंपनियों द्वारा किया जा रहा है
पांवटा साहिब शिलाई गुम्मा एनएच का जिला सिरमौर में मिनस तक 103 किलोमीटर के लिए 1350 करोड़ रुपए निर्माणाधीन ग्रीन कॉरिडोर पर अलग-अलग कंपनियों द्वारा इसका कार्य किया जा रहा हैं।मगर प्रदेश के पहले ग्रीन कॉरिडोर के निर्माण में लगी कंपनियों द्वारा की जा रही अवैज्ञानिक कटिंग से लगातार भूस्खलन हो रहे हैं।हिमाचल प्रदेश के पहले ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण कार्य मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे द्वारा स्वयं करवाया जा रहा है। मगर कंपनियों द्वारा की जा रही अवैधानिक कटिंग से आए दिन भारी भूस्खलन हो रहे हैं। जिसके चलते कई कई घंटे तक एनएच पर लगातार ट्रैफिक बाधित रहता है।
इसके साथ ही सिरमौर जिला की जनता को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। पिछले तीन वर्षों से एनएच पर निर्माण कार्य चला हुआ है, जो कि लोगों की परेशानियों का सब बन गया है, यह कार्य 31 मार्च 2024 को पूरा होना था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।