Sirmaur News: हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा देने का मुद्दा फिर लटका, अधिसूचना पर रोक रहेगी जारी, इस दिन होगी सुनवाई
Sirmaur News हिमाचल प्रदेश में हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा देने का मुद्दा एक बार फिर लटक गया है। हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के मामले पर उच्च न्यायालय में रोक बरकरार रखते हुए सोमवार को सुनवाई 27 मई तक टाल दी है। अब हाटी समुदाय के लोगों को प्रमाणपत्र लेने के लिए न्यायालय के निर्णय का इंतजार करना पड़ेगा।
जागरण संवाददाता, नाहन। जिला सिरमौर के हाटी समुदाय (Hati Community) को जनजातीय का दर्जा देने का मामला एक बार फिर लटक गया है। हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के मामले पर उच्च न्यायालय में रोक बरकरार रखते हुए सोमवार को सुनवाई 27 मई तक टाल दी है। बता दें कि एससी समुदाय और गुज्जर समुदाय की तरफ से हाटी को जनजातीय दर्जा देने को लेकर उच्च न्यायालय में अपील की गई है।
न्यायालय के निर्णय का करना होगा इंतजार
ऐसे में अब हाटी समुदाय के लोगों को प्रमाणपत्र लेने के लिए न्यायालय के निर्णय का इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि केंद्र सरकार से कानून बनने के बाद हिमाचल सरकार ने भी इसको हरी झंडी दिखा दी थी। इसके बाद मामला न्यायालय पहुंचा।
5 जनवरी को प्रदेश उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई के बाद अदालत ने फैसले को लागू करने पर रोक लगा दी थी। अदालत ने 18 मार्च तक ये फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को अदालत ने अगली सुनवाई 27 मई को तय की है।
खंडपीठ ने अधिसूचना पर रोक को रखा बरकरार
गौरतलब है कि एक जनवरी को अधिसूचना जारी होने के बाद कुछ लोगों ने अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र भी बनवा लिए थे। मगर उच्च न्यायालय ने अधिसूचना लागू करने पर रोक लगा दी थी। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अधिसूचना पर रोक को बरकरार रखते हुए 27 मई तक रोक लगाई है।
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2022 में पारित हुआ था बिल
बता दें कि ट्रांसगिरी क्षेत्र में हाटी समुदाय के लोग 1967 से उत्तराखंड के जौनसार बाबर को जनजाति दर्जा मिलने के बाद से संघर्षरत थे। लगातार कई वर्षों तक संघर्ष के बाद केंद्रीय कैबिनेट ने हाटी समुदाय की मांग को 14 सितंबर 2022 को अपनी मंजूरी दी थी। उसके बाद केंद्र सरकार ने 16 दिसंबर 2022 को इस बिल को लोकसभा से पारित करवाया। उसके बाद यह बिल राज्यसभा से भी पारित हो गया।
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राज्यसभा से पारित होने के बाद सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इसे राष्ट्रपति के लिए भेजा गया था। नौ दिनों में ही राष्ट्रपति ने विधेयक पर लगाई मुहर लगा दी थी। हाटी समुदाय में चार विधानसभा क्षेत्रों के 2.50 लाख लोग शामिल हैं। जिला सिरमौर की कुल 269 पंचायतों में से ट्रांसगिरि इलाके में 154 पंचायतें आती हैं। इन 154 पंचायतों की 14 जातियों और उप जातियों को एसटी संशोधित विधेयक में शामिल किया गया है।
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