Himachal News: बेटी की हत्यारी मां को आजीवन कठोर कारावास, रात को रॉड से पीटकर बाथरूम में बंद कर दी थी बच्ची
Himachal Pradesh News सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में बेटी की हत्या करने वाली मां अरुणा चौहान को नाहन की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौरव महाजन ने दोषी को एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है जुर्माना न भरने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अदालत ने यह फैसला भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 182 के तहत सुनाया।

जागरण संवाददाता, नाहन। हिमाचल प्रदेश में जिला सिरमौर के पांवटा साहिब उपमंडल में बेटी की बेरहमी से हत्या करने वाली दोषी मां को अदालत ने आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई है। सोमवार को नाहन में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौरव महाजन की अदालत ने आरोपी अरुणा चौहान को दोषी करार देते हुए आजीवन कठोर कारावास और एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
जुर्माना न भरने पर उसे एक साल की अतिरिक्त साधारण कैद भुगतनी होगी। उप जिला न्यायवादी (डिप्टी डीए) रश्मि शर्मा ने बताया कि अदालत ने यह फैसला भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 182 के तहत सुनाया है।
आरोपित अरुणा चौहान पत्नी वीरेंद्र कुमार निवासी ग्राम सरतेली डाकघर कंडा बनाह तहसील कुपवी जिला शिमला को दोषी ठहराया है। वह वर्तमान में सुदर्शन कॉलोनी वार्ड संख्या आठ कुंजा मतरालियो तहसील पांवटा साहिब जिला सिरमौर में रह रही थी।
आरोपित को भारतीय दंड संहिता की धारा 182 के तहत छह महीने के कठोर कारावास और 1000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को दो महीने के साधारण कारावास की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
रात को रॉड से पीट कर बाथरूम में कर दिया था बंद
डिप्टी डीए रश्मि शर्मा ने बताया कि दो नवंबर 2020 को रात लगभग 9.30 बजे आरोपित ने अपनी बेटी (मृतक) को बाथरूम में लोहे की रॉड से पीटा और उसे टॉयलेट सीट पर पटक दिया। जिससे उसे गंभीर चोटें आई थीं। इसके बाद उसने उसे बाथरूम में बंद कर दिया।
सुबह खुद अस्पताल ले गई, डाक्टर ने मृत घोषित की लड़की
अगले दिन 03 नवंबर 2020 को आरोपित लड़की को अस्पताल ले गई। इलाज के दौरान डाक्टर ने बेटी को 'मृत' घोषित कर दिया। इसके बाद आरोपित अरुणा चौहान के खिलाफ पुरुवाला पुलिस थाना में धारा 302, 182 भारतीय दंड संहिता के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
26 गवाहों से पूछताछ के बाद दोषी ठहराई मां
जांच इंस्पेक्टर/एसएचओ विजय कुमार द्वारा की गई। उसके बाद अदालत में चालान पेश किया गया। अभियोजन पक्ष ने 26 गवाहों से पूछताछ की। अदालत में प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर आरोपित अरुणा चौहान को दोषी ठहराया गया।
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