Sirmaur: साइबेरियन मेहमानों के स्वागत में जुटी Srirenukaji Wildlife Team, दो प्रवासी कॉमन कूट प्रवासी पक्षी जोड़े ने डाला डेरा
वेटलैंड श्रीरेणुकाजी झील में साइबेरियन प्रवासी पक्षियों ने डेरा डालना शुरू कर दिया है। तो वहीं हिमाचल प्रदेश वाइल्ड लाइफ विंग अपने मेहमानों के स्वागत में की जाने वाली तैयारियों को भी मुकम्मल कर करना शुरू कर दिया है। श्रीरेणुकाजी मेला के बाद झील के चारों तरफ पर्यटकों के द्वारा फैलाए गए कूड़े-कचरे को वाइल्ड लाइफ के कर्मी साफ करने में भी जुट चुके हैं।
By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sat, 02 Dec 2023 12:00 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नाहन। जिला सिरमौर के श्रीरेणुकाजी में स्थित उत्तर भारत के रामसर साइट की वेटलैंड श्रीरेणुकाजी झील में साइबेरियन प्रवासी पक्षियों ने डेरा डालना शुरू कर दिया है। तो वहीं हिमाचल प्रदेश वाइल्ड लाइफ विंग अपने मेहमानों के स्वागत में की जाने वाली तैयारियों को भी मुकम्मल कर करना शुरू कर दिया है।
श्रीरेणुकाजी मेला के बाद झील के चारों तरफ पर्यटकों के द्वारा फैलाए गए कूड़े-कचरे को वाइल्ड लाइफ के कर्मी साफ करने में भी जुट चुके हैं।
सुरक्षित माहौल के लिए निगरानी टीम का गठन
वाइल्ड लाइफ के अधिकारियों के द्वारा प्रवासी मेहमानों के लिए सुरक्षित माहौल बनाए जाने को लेकर निगरानी टीम का भी गठन कर दिया गया है। बड़ी बात तो यह है कि एक सुरक्षित वाटर बॉडी के चलते पिछले वर्ष के दो मलाड़ पक्षियों के जोड़े पूरे वर्ष यहीं पर ही डटे रहे।यह भी पढ़ें: Sri Renuka Ji Fair: श्रीरेणुकाजी मेले में दिखी सिरमौरी संस्कृति की शानदार झलक, पारंपरिक बुड़ाह लोकनृत्य की हुई प्रतियोगिताएं
बता दें कि दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह में ही साइबेरियन पक्षी करीब साढे 3 हजार किलोमीटर से ज्यादा का सफर लगातार उड़ान भरकर प्रदेश की अलग-अलग वाटर बॉडी में पहुंचते है। जिसमें पोंग बांध और श्री रेणुकाजी झील प्रमुख है।
वाइल्डलाइफ टीम को बाकी पक्षियों के आने का बेसब्री से इंतजार
इन प्रवासियों के आते ही पक्षी प्रेमी पर्यटक और वाइल्डलाइफ स्कॉलर्स अपने कैमरा आदि लेकर यहां डेरा डाल लेते हैं। मजे की बात तो यह है कि पहली बार पिछले वर्ष एक बकल टेल पक्षी भी श्रीरेणुकाजी वेटलैंड में पहुंचा था। फिलहाल इस वर्ष इस दुर्लभ विशेष बर्ड की एंट्री नहीं हुई है।
इस झील में कॉमन मोरान, इग्रिट, पॉन्ड हैरान हर वर्ष दिसंबर माह में आते हैं। फिलहाल पहले सप्ताह में कॉमन कूट प्रजाति के पक्षी ही यहां पहुंच पाए हैं। वाइल्डलाइफ टीम को बाकी पक्षियों के आने का बेसब्री से इंतजार भी है।
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