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Baddi Factory Fire: परफ्यूम फैक्‍ट्री अग्निकांड कोई पहली घटना नहीं... पहले भी आग की लपटों में जल उठी हैं ये बड़ी फैक्ट्रियां

Baddi Perfume Factory Fire हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को परफ्यूम फैक्‍ट्री में आग लगने से चारों तरफ हाहाकार मच गया। कई लोग अपनी जान बचाने के लिए फैक्‍ट्री की तीसरी मंजिल से कूद पड़े। हालांकि ये घटना कोई पहली नहीं है इससे पहले भी बद्दी की कई बड़ी फैक्ट्रियां आग की मार झेल चुकी हैं। आइए जानते हैं कौनसी बड़ी फैक्ट्रियां हो चुकी हैं शिकार

By Himani Sharma Edited By: Himani Sharma Updated: Sat, 03 Feb 2024 01:58 PM (IST)
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पहले भी आग की लपटों में जल उठी हैं ये बड़ी फैक्ट्रियां
जागरण संवाददाता, बद्दी (सोलन)। शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित परफ्यूम बनाने वाली फैक्‍ट्री में भयानक आग लगने से कई लोग घायल हो गए। इसी दौरान अपनी जान बचाने के लिए लोग एक के बाद एक कम्‍पनी की तीसरी मंजिल से नीचे कूदे। वहीं लोगों ने इस पर प्रशासन पर सवाल उठाए हैं।

लोगों ने कहा कुछ दिन जांच होगी, कई दावे होंगे और होगा फिर वही जो शुक्रवार दोपहर को एनआर अरोमा उद्योग बरोटीवाला में हुआ। परफ्यूम बनाने वाले इस उद्योग में रोजगार के नाम पर कर्मचारियों के जीवन से खिलवाड़ किया गया। इससे पहले भी बद्दी की फैक्‍ट्री में आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

ये फैक्ट्रियां भी हो चुकी हैं आग का शिकार

बद्दी की फ्वाइल फैक्ट्री में 27 दिसंबर, 2023 आग लगी थी। हालांकि, कोई कर्मी हताहत नहीं हुआ था, लेकिन उद्योग परिसर पूरी तरह जल गया था। वीजान उद्योग किशनपुरा में भी अग्निकांड हुआ था।

नौ जून, 2020 को विनसम टैक्सटाइल बद्दी के उद्योग में आग लगी थी तो उस समय एक आदमी की दम घुटने से मौत हो गई थी। 31 जनवरी, 2019 नालागढ़ के गद्दा व फोम उद्योग में आग लगी थी। यहां आग बुझाने में कई घंटे लगे थे। बरोटीवाला में ही केआरएम टायर उद्योग में भी आग लगी थी, जो कई घंटे तक नहीं बुझाई जा सकी थी।

पफ्यूम उद्योग में कर्मचारियों के जीवन से हो रहा था खिलवाड़

लोगों ने प्रशासन पर गुस्‍सा उतारते हुए कहा कि परफ्यूम बनाने वाले इस उद्योग में रोजगार के नाम पर कर्मचारियों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा था। परफ्यूम बनाने में अत्याधिक ज्वलनशील रसायन प्रयोग किया जाता है। बावजूद इसके कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं थी। यहां तक कि बाहर जाने का गेट भी एक था। आपातकाल के लिए कोई अलग व्यवस्था नहीं थी।

बताया जाता है कि इस तरह के अग्निकांड पर काबू पाने के लिए फोमनुमा स्प्रे चाहिए होता है, क्योंकि रसायन में लगी आग पानी से नहीं बूझती है। उद्योग में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होने की बात सामने आई है। वहीं, अग्निशमन विभाग, जो उद्योगों में सुरक्षा व्यवस्था जांचने के बाद अनापत्ति पत्र (एनओसी) देता है, ने क्या देखा था। सवाल यह है कि विभाग ने क्या व्यवस्था देखी और अनापत्ति पत्र दे दिया। अगर उद्योग को अनापत्ति पत्र जारी नहीं किया था तो भी कई सवाल उठते हैं, क्योंकि बिना औपचारिकता पूरी किए उद्योग में उत्पादन नहीं किया जा सकता है।

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औद्योगिक क्षेत्र में आग से सुरक्षा पर नहीं दिया जा रहा ध्‍यान

एशिया के फार्मा हब बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में हर वर्ष कई उद्योगों में अग्निकांड के मामले सामने आते हैं। हर बार करोड़ों रुपये की संपत्ति के अलावा कई लोगों की जान चली जाती है। इसके बावजूद औद्योगिक क्षेत्र में आग से सुरक्षा पर अधिक ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अग्निशमन कर्मियों के पास भी आधुनिक उपकरण मौजूद नहीं हैं।

विभाग के पास जमीन से केवल फायर बाउजर व पाइपों से पानी व फोम छोड़ने के अलावा कुछ खास प्रबंध नहीं हैं। ऐसे में कई मंजिला इमारतों तक फैली आग को भी अग्निशमन कर्मी बाहर व नीचे जमीन पर खड़े होकर ही बुझाने का प्रयास करते हैं। शुक्रवार को हुए हादसे में पता चला है कि उद्योग में केवल एक ही एग्जिट गेट था। उद्योग में अगर खुली खिड़कियां व कुछ अन्य एग्जिट होते तो शायद लोगों को हताहत होने से बचाया जा सकता था।

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