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Himachal Politics: बिखरी कांग्रेस को एकजुट करने की तैयारी, नौ काउंसलर के साथ हुई बैठक; ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर बनी बात

पर्यवेक्षकों ने पहले दोनों धड़ों के साथ एक साथ बैठक की और उसके बाद दोनों धड़ों से अलग-अलग भी बैठकें की। दोनों धड़ों ने अपने-अपने मनमुटाव भी पर्यवेक्षकों के समक्ष रखे। महापौर व उपमहापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव उपायुुक्त को दिया था जिसके बाद कांग्रेस के पार्षदों में एक दूसरों के प्रति कड़वाहट आ गई और नौ पार्षद चार व पांच के अनुपात में दो धड़ों में बंट गए।

By manmohan vashishtEdited By: Prince SharmaUpdated: Mon, 04 Dec 2023 03:18 AM (IST)
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सोमवार को दिन में 12 बजे नगर निगम कार्यालय में दोनों पदों के चुनाव के लिए बैठक रखी गई है।
संवाद सहयोगी, सोलन। नगर निगम सोलन में हॉट सीट पर सता बनाने के लिए बिखरी कांग्रेस को एकजुट करने के लिए रविवार को कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने कांग्रेस पार्षदों के साथ बैठक की। दावा किया गया कि कांग्रेस के पार्षद एकजुट है, लेकिन बैठक से पहले व बाद में दोनों धड़ें अलग-अलग आते व जाते हुए दिखे।

बैठक लेने के लिए पर्यवेक्षक के रूप में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, लोनिवि मंत्री विक्रमादित्य सिंह व सीपीएस संजय अवस्थी सोलन पहुंचे। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी रहे। बैठक में भाग लेने के लिए कांग्रेस समर्थित पार्षदों का एक धड़ा पहुंचा, जिसमें पूर्व महापौर पूनम ग्रोवर, पूर्व उप-महापौर राजीव कौड़ा, पार्षद संतोष ठाकुर, उषा शर्मा व अभय शर्मा शामिल थे। वहीं दूसरा धड़ा उसके बाद आया, जिसमें पार्षद सरदार सिंह ठाकुर, इशा पराशर सूद, संगीता ठाकुर व पूजा तनवर शामिल रहे।

दोनों धड़ों ने एक साथ की बैठक

पर्यवेक्षकों ने पहले दोनों धड़ों के साथ एक साथ बैठक की और उसके बाद दोनों धड़ों से अलग-अलग भी बैठकें की। दोनों धड़ों ने अपने-अपने मनमुटाव भी पर्यवेक्षकों के समक्ष रखे। बैठक के बाद हर्षवर्धन चौहान ने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि नगर निगम सोलन में कांग्रेस समर्थित पार्षदों में कोई भी गुटबाजी नहीं है। उन्होंने दावा किया कि निगम में कांग्रेस दोनों सीटों पर जीतेगी। उन्होंने कहा कि सभी पार्षदों ने दोनों सीटों पर नाम देने के लिए फैंसला हाइकमान पर छोड़ा है। इसलिए पार्षदों के निर्णयों से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह को अवगत करवाया जाएगा। सोमवार को दिन में 12 बजे नगर निगम कार्यालय में दोनों पदों के चुनाव के लिए बैठक रखी गई है।

ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर बनी थी पहले सहमति 

गौरतलब है कि नगर निगम के चुनाव के समय कांग्रेस में ढाई-ढाई साल के फॉर्मुले पर सहमति बनीं थी। इसमें पहले ढाई साल के लिए पूनम ग्रोवर को महापौर और उसके बाद सरदार सिंह ठाकुर को महापौर बनाने का निर्णय तत्कालीन प्रभारियों के सामने लिया गया था। निगम में कांग्रेस की सत्ता के कुछ समय बाद ही पार्षदों की एकजुटता में दरार पड़नी शुरू हो गई थी। उसके बाद कांग्रेस के पार्षदों ने भाजपा पार्षदों के साथ मिलकर अपनी ही पार्टी समर्थित महापौर व उपमहापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव उपायुुक्त को दिया था, जिसके बाद कांग्रेस के पार्षदों में एक दूसरों के प्रति कड़वाहट आ गई और नौ पार्षद चार व पांच के अनुपात में दो धड़ों में बंट गए। बीते दिनों सोलन में सीएम के प्रवास के दौरान भी दोनों धड़ों के पार्षद अलग-अगल नजर आए थे।

भाजपा की नजरें कांग्रेस के दांव पर 

भाजपा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले है। उनकी नजरें कांग्रेस के दांव पर टिकी है, कि कांग्रेस दोनों सीटों के लिए किन्हें चेहरा बनाती है। उसके बाद ही भाजपा अपनी ओर से पासे फैंकेगी। भाजपा अपने पार्षदों के साथ कई बार बैठकें कर रणनीति बना चुकी है। प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल स्वयं मोर्चा संभाले हुए है। रविवार को भी भाजपा पार्षदों की रणनीतियां बनती रही।

सोमवार को होने वाली बैठक में भाजपा हिस्सा लेती है या फिर बैठक से दूरी बनाती है। ऐसे में कोरम अधूरा रहने पर मंगलवार को बैठक होगी। बताया जा रहा है कि भाजपा समर्थित पार्षदों की बैठक सोमवार शाम को होगी, जिसमें आगे के लिए रणनीति बनाई जाएगी। ऐसे में साफ है कि नगर निगम की सत्ता में कौन काबिज होगा, उसका फैंसला मंगलवार को हो सकेगा।

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