Himachal Politics: नगर निगम सोलन की हॉट सीट पर भाजपा या कांग्रेस? कौन मारेगा बाजी, आज होगा फैसला
Himachal Politics सोलन में भाजपा (BJP) को भी महापौर व उपमहापौर के लिए सेंधमारी की उम्मीद दिखती नजर आ रही है। दोनों ही पार्टियां अपने-अपने समर्थन में हवा बनाने के लिए दिन-रात एक किए हुए है। अब सबकी नजर सोमवार को होने वाली बैठक पर रहेगी। पिछले कई दिनों से लंच व डिनर डिप्लोमेसी का सिलसिला लगातार चला हुआ है।
By manmohan vashishtEdited By: Prince SharmaUpdated: Mon, 04 Dec 2023 06:30 AM (IST)
मनमोहन वशिष्ठ, सोलन। नगर नगम सोलन की दोनों हॉट सीटों महापौर व उपमहापौर के लिए फैंसला आज होगा। दोनों सीटों पर कब्जा जमाने के लिए भाजपा व कांग्रेस में सियासी जंग जारी है। शह मात के इस खेल में कौन सा दल बाजी मारेगा, इसका पता सोमवार को रखी बैठक में चल जाएगा।हालांकि बैठक में कोरम पूरा न होने की स्थिति में मंगलवार को निर्णय होगा। नगर निगम सोलन में कांग्रेस के पास सपष्ट बहुमत है, लेकिन दो धड़ों में बंटे कांग्रेस के पार्षद एक-दूसरे धड़े को सरदारी देने के मूड़ में नहीं है। यही कारण है कि भाजपा को भी महापौर व उपमहापौर के लिए सेंधमारी की उम्मीद दिखती नजर आ रही है। दोनों ही पार्टियां अपने-अपने समर्थन में हवा बनाने के लिए दिन-रात एक किए हुए है। अब सबकी नजर सोमवार को होने वाली बैठक पर रहेगी। पिछले कई दिनों से लंच व डिनर डिप्लोमेसी का सिलसिला लगातार चला हुआ है।
भाजपा व कांग्रेस पार्षदों में ये है स्थिति
नगर निगम के 17 वार्डों में से सात भाजपा समर्थित पार्षद है जबकि एक निर्दलीय भी भाजपा का ही नेता रहा है। वहीं नौ पार्षद कांग्रेस के है जबकि एक विधायक के मत के साथ उनका आंकड़ा 10 होता है। लेकिन कांग्रेस के पार्षद दो धड़ों में बंटे है। पूर्व महापौर पूनम ग्रोवर, पूर्व उपमहापौर राजीव कौड़ा, पार्षद अभय शर्मा, संतोष ठाकुर व उषा शर्मा आदि पांच पार्षद एक धड़े में है जबकि दूसरे धड़े में पार्षद सरदार सिंह ठाकुर, संगीता ठाकुर, इशा पराशर सूद व पूजा तनवर एक धड़े में है।
दोनों धड़ों को एक दूसरे के साथ करने के लिए कई दिनों से कोशिशें की जा रही है। लेकिन पूर्व महापौर व उपमहापौर का धड़ा दूसरे धड़े द्वारा भाजपा पार्षदों के साथ मिलकर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव से खफा है। इसलिए दोनों धड़ों में एक-दूसरे पर सहमति नहीं बन रही है। कमोबेश यही स्थिति भाजपा की भी है। यहां भी किसी नाम पर अभी तक सपष्टता नहीं दिख रही है। भाजपा यदि निर्दलीय को भी अपने पाले में मिला लेती है, तो भी आंकड़ा आठ ही होता है, ऐसे में एक पार्षद के लिए सेंधमारी जरूरी होगी।
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