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115 साल की हो गई कालका-शिमला रेलवे लाइन

कालका-शिमला रेलवे मार्ग आज 115 साल का हो गया है। नौ नवंबर, 1903 को कालका से शिमला रेलमार्ग की शुरुआत हुई थी।

By Edited By: Updated: Fri, 09 Nov 2018 12:26 PM (IST)
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115 साल की हो गई कालका-शिमला रेलवे लाइन

सोलन, मनमोहन वशिष्ठ। विश्व धरोहर में शामिल ऐतिहासिक कालका-शिमला रेलवे मार्ग आज 115 साल का हो गया है। नौ नवंबर, 1903 को कालका से शिमला रेलमार्ग की शुरुआत हुई थी। अपने 115 वर्ष के सफर में यह रेल मार्ग इतिहास संजोए हुए है। यह रेल मार्ग उत्तर रेलवे के अंबाला डिविजन के अंतर्गत है। देश-विदेश के सैलानी शिमला आने के लिए इसी रेलमार्ग से टॉय ट्रेन में सफर का आनंद लेते हैं।

1896 में इस रेलमार्ग को बनाने का कार्य दिल्ली-अंबाला कंपनी को सौंपा गया था। रेलमार्ग हरियाणा के कालका स्टेशन (656 मीटर) से शिमला (2,076 मीटर) तक जाता है। 96 किमी लंबे इस रेलमार्ग में 18 स्टेशन हैं। कालका-शिमला रेल को केएसआर के नाम से भी जाना जाता है। 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी इस मार्ग से यात्रा की थी।

103 सुरंगें हैं आकर्षण का केंद्र
कालका-शिमला रेलवे लाइन पर 103 सुरंगें सफर को और भी रोमांचक बनाती हैं। बडोग रेलवे स्टेशन पर 33 नंबर बड़ोग सुरंग सबसे लंबी है जिसकी लंबाई किमी है। रेलगाड़ी इसको पार करने में अढ़ाई मिनट का समय लेती है। रेलमार्ग पर 869 छोटे बड़े पुल हैं जिस पर सफर और भी रोमांचक हो जाता है। पूरी लाइन पर 919 घुमाव हैं। तीखे मोड़ों पर रेलगाड़ी 48 डिग्री के कोण पर घूमती है। कालका-शिमला रेलवे लाइन को नैरोगेज लाइन कहते हैं। इसमें पटरी की चौड़ाई दो फीट छह इंच है।

जुलाई में मिला था विश्व धरोहर का दर्जा
कालका-शिमला रेलवे लाइन के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए यूनेस्को ने जुलाई 2008 में इसे व‌र्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया था। इसके अलावा कनोह रेलवे स्टेशन पर बनाया गया यह ऐतिहासिक पुल 1898 में बना। शिमला जाते हुए यह 64.76 किमी पर मौजूद है। आर्च शैली में निर्मित चारमंजिला पुल में 34 मेहराबें हैं। यह इंडियन रेलवे में आर्च गैलरी के सबसे बेहतर पुलों में शामिल है। इसे यूनेस्को द्वारा छह अगस्त 2003 को ही विश्व धरोहर में शामिल कर दिया था।

सबसे सीधी सुरंग कालका से 41 किमी दूर
बड़ोग रेलवे स्टेशन के पास ही बड़ोग सुरंग है जिसे सुरंग नंबर 33 भी कहते हैं। 1143.61 मीटर लंबी यह सुरंग दुनिया की सबसे सीधी सुरंग है। इस सुरंग को बनाते हुए जब दोनों सिरे नहीं मिले थे तो ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल बड़ोग ने एक रुपया जुर्माना लगने के कारण आत्महत्या कर ली थी। बाद में बाबा भलकू के सहयोग से यह सुरंग पूरी हुई थी।

बॉलीवुड का भी रहा है आकर्षण
कालका-शिमला रेलवे लाइन बॉलीवुड का भी आकर्षण केंद्र रहा है। 1974 में आई सुपरहिट फिल्म दोस्त का गाना गाड़ी बुला रही है भी इसी मार्ग पर फिल्माया गया। इसके अलावा ऑल इज वेल, जब वी मेट, सनम रे और रमैया वस्तावैया जैसी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। हर मर्द का दर्द सीरियल भी धर्मपुर रेलवे स्टेशन पर शूट हुआ है।

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