Kasauli में पर्यटन कारोबार ठप: वीकेंड पर 10 प्रतिशत से भी कम रही ऑक्यूपेंसी, बाजारों में पसरा सन्नाटा
हिमाचल में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण काफी नुकसान हुआ है। राज्य में टूरिज्म सेक्टर को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। खस्ताहाल सड़कों और खराब मौसम के कारण टूरिस्ट पहाड़ों पर जाने से बच रहे हैं। शिमला के नजदीक कसौली में वीकेंड पर ऑक्यूपेंसी 10 प्रतिशत से भी कम रही। पर्यटन कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है।
कसौली/सोलन, संवाद सहयोगी। Kasauli Tourism Sector हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से खस्ताहाल सड़कों व भूस्खलन की दहशत का प्रभाव पर्यटन व्यवसाय पर भी पड़ रहा है। पिछले दो माह से यहां का पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह प्रभावित हुआ है। जुलाई में भारी बारिश के बाद पहले सप्ताह से ही यहां पर पर्यटन व्यवसाय ठप हो गया था। उसके बाद जुलाई में पूरा माह पर्यटन गतिविधियां बंद रही।
अगस्त में भी भारी बारिश के कारण पर्यटन कारोबार पटरी पर नहीं लौट रहा है। इससे होटल कारोबारियों में चिंता बनी हुई है। कसौली व आसपास के क्षेत्रों में 100 से अधिक छोटे-बड़े होटल, रिसॉर्ट, होम स्टे, बीएनबी, गेस्ट हाउस, विलाओं में पर्यटन कारोबार चलता है, जिससे सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला हुआ है।
होटल कारोबार ठप होने के कारण होटल व्यवसायियों को कर्मचारियों की सैलरी व होटल के अन्य खर्चों को लेकर भी परेशानी चेहरे पर दिखाई दे रही है। वहीं, पर्यटन नगरी कसौली की पाइन मॉल मार्किट व हेरिटेज मार्किट के दुकानदार पर्यटन के सहारे ही अपना कारोबार करते हैं, लेकिन दो माह से पर्यटकों की आमद बहुत कम होने के कारण उनके व्यवसाय पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
बाजार खाली, पर्यटक स्पॉट सूने
दो माह पहले कसौली के बाजारों में पर्यटकों की अच्छी खासी चहल पहल देखने को मिल रही थी। वहीं, यहां के पर्यटक स्पॉट मंकी प्वाइंट हिल पर स्थित संजीवनी हनुमान मंदिर, क्राइस्ट चर्च, अप्पर व लोअर माल रोड़, सनसेट प्वाइंट, गिलबर्ट ट्रेल, लवर लेन, छतरी मोड़ आदि स्थलों से पर्यटकों की रौनक गायब होने से वहां पर सन्नाटा छाया हुआ है। भारी बारिश के कारण सड़कें खस्ताहाल होने व भूस्खलन के डर से पर्यटक अभी हिल स्टेशनों से दूरी बनाए हुए हैं।
'होटलों में न के बराबर ऑक्यूपेंसी'
कसौली होटलियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र चोपड़ा का कहना है कि दो माह से यहां पर पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है। इस सप्ताहंत भी ऑक्यूपेंसी शून्य ही रही। पर्यटक डर के कारण प्रदेश में नहीं आ रहे हैं। अभी बारिया का और अलर्ट है, ऐसे में आगे भी व्यवसाय चौपट रहने के आसार है। होटल खुले हैं, लेकिन पर्यटक नहीं आ रहे, ऐसे में होटलों के खर्चे ही पूरे करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।