आग इतनी भयंकर लगी है कि अबतक उस पर काबू नहीं पाया गया है। हादसा हुए 18 घंटे हो चुके हैं और अब भी जांच दल कंपनी के अंदर प्रवेश नहीं कर पाया है।
उद्योग के अंदर अब भी आग जल रही है। वहीं, इस दर्दनाक हादसे में अबतक एक व्यक्ति की मौत हुई है, 33 लोग घायल हुए हैं। वहीं, 13 लोग लापता हैं तो 41 लोगों का रेस्क्यू किया गया है।
अग्निकांड में 33 से ज्यादा कर्मचारी घायल
आग से झुलसने व छत से कूदने के कारण 33 से अधिक कर्मचारी घायल गए हैं, जबकि 20 कर्मचारी सुरक्षित हैं।
धुएं और आग के गुब्बार के बीच जान बचाने के लिए छत पर चढ़े कर्मचारी इधर-उधर भागते रहे और इसी बीच कई लोग चार मंजिला इस भवन की छत से कूदते दिखे।
शुक्रवार दोपहर बाद हुई इस घटना से जुड़े कई वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होते रहे। एक वीडियो में आग का गोला बने इस भवन की छत से एक महिला छलांग लगाती दिखी।
आग की तपिश रेस्क्यू के लिए बनी बाधा
एरोमा परफ्यूम उद्योग (Himachal Baddi Factory Fire) में अब एसडीआरएफ की टीम उद्योग परिसर के अंदर जाने का प्रयास कर रही है। हाइड्रा मशीन के जरिये एक दल को अंदर का हाल जानने के लिए भेजा जा रहा है, ताकि जांच दल को ग्रीन सिग्नल दिया जा सके और वो अपनी जांच शुरू कर सके।
अब भी आग की तपिश जांच दल व रेस्क्यू के लिए बाधा बनी हुई है। अब आग पर 90 फीसदी तक काबू पा लिया गया है, लेकिन तपिश व उद्योग परिसर ढहने के खतरे के चलते टीम अंदर नहीं पहुंच पा रही है।
उद्योग मैनेजर और ठेकेदार से हो रही पूछताछ
मौके पर डीजीपी संजय कुंडू सहित जिला सोलन के अधिकतर आला अफसर यहां मौजूद हैं। वहीं, इस हादसे में उद्योग मैनेजर के अलावा पुलिस ने उद्योग में लेबर देने वाले ठेकेदारों को भी पिछले कल से ही थाना में तलब किया हुआ है।
उनसे लगातार पुलिस पूछताछ कर रही है और गायब चल रहे कर्मियों की जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस ने अभी अज्ञात लोगों पर ही मामला दर्ज किया।
अग्निकांड के वक्त फैक्ट्री में मौजूद थे 100 कर्मचारी
बताया जा रहा है कि जब उद्योग में आग लगी तब अंदर करीब 100 कर्मचारी मौजूद थे। इनमें अधिकतर महिलाएं हैं और उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं। चार मंजिला भवन में आग कैसे लगी इसका पता नहीं चल पाया है।
देर शाम तक उद्योग के अंदर आग लपटें होने के कारण बचाव टीमें अंदर नहीं जा पाई हैं। उद्योग में आग शुक्रवार दोपहर करीब एक बजकर 40 मिनट पर लगी।
रसायन के कारण फैक्ट्री में हुआ धमाका
रसायन के कारण उद्योग परिसर में कई धमाके हुए। उद्योग प्रबंधकों ने अग्निशमन विभाग को सूचना दी। अग्निशमन विभाग व पुलिस टीम के साथ एंबुलेंस मौके पर पहुंची। तब तक पूरे उद्योग से लपटें उठ रही थीं।
रसायन में लगी आग बुझाने के लिए अग्निशमन विभाग के पास यंत्र नहीं थे। इस तरह की आग पर काबू पाने के लिए फोमनुमा स्प्रे चाहिए होता है। अग्निशमन विभाग के कर्मचारी काफी समय तक पानी डालते नजर आए।
जान बचाने के लिए चौथी मंजिल से कूदे कर्मचारी
कर्मचारी कर्मचारी लंच ब्रेक के बाद काम पर लौट रहे थे। उद्योग में सबसे पहले धरातल मंजिल पर आग लगी। धुएं से कर्मचारियों का दम घुटने लगा तो छत पर चढ़ गए।
उद्योग में प्रयोग होने वाले रसायन के कारण कुछ ही समय में आग पूरे उद्योग में फैल गई। कुछ महिला कर्मचारियों ने चौथी मंजिल की छत से पहले तीसरी, फिर दूसरी व पहली मंजिल से छलांग लगाकर जान बचाई।सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच गए थे, जिन्हें रोकने के लिए पुलिस को बैरिकेड लगाने पड़े।
परफ्यूम में प्रयोग होता है रसायन एनआर
अरोमा उद्योग में कई कंपनियों के परफ्यूम बनाए जाते हैं। परफ्यूम बनाने में ज्वलनशील रसायल का प्रयोग होता है। उद्योग की धरातल मंजिल में कई ड्रम में रसायन रखा हुआ था।
जैसे ही आग रसायन तक पहुंची धमाकों के साथ तेजी से फैली। धुएं का गुब्बार कई किलोमीटर तक आसमान में फैल गया। उद्योग से निकलने से का सिर्फ एक ही रास्ता होने के कारण कर्मचारी को निकलने में दिक्कत आई।
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दोषियों के विरुद्ध होगी सख्त कार्रवाई
स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने घायलों का हाल जानने के बाद कहा कि मामले की जांच की जा रही है। दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कंपनी के लेबर कांट्रेक्टर ने बताया कि उसके पास काम करने वाली चार लड़कियों का पता नहीं चला है। लापता 11 लोगों में अधिकतर महिलाएं हैं।
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