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जहां पड़े थे हनुमान जी के पांव, अब मंकी प्वाइंट है उसका नाम

हिमाचल की धरा पर बने देवी-देवताओं के हजारों मंदिर इस तथ्य को प्रतिपादित करते हैं कि हिमाचल में देवी-देवताओं का निवास है। सोलन जिले के कसौली स्थित ौंकी प्वाइंट भी इन्ही में से एक है।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 27 Dec 2018 08:54 PM (IST)
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जहां पड़े थे हनुमान जी के पांव, अब मंकी प्वाइंट है उसका नाम

मनमोहन वशिष्ठ, सोलन

हिमाचल की धरा पर बने देवी-देवताओं के हजारों मंदिर इस तथ्य को प्रतिपादित करते हैं कि यह हिमाचल की धरती शुरू से ही देवी-देवताओं के वास का स्थान रही है, तभी हिमाचल को देवभूमि भी कहा जाता है। यहां आने वाले लोग खुद को कुदरत की गोद में होने का आनंद लेते हैं। प्रदेश के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में माता श्री नयना देवी, श्री ज्वालाजी, श्री ¨चतपूर्णी जी, माता ब्रजेश्वरी मंदिर, श्री चामुंडा जी, बाबा बालकनाथ मंदिर व श्रीरेणुकाजी सहित अनेकों मंदिर व धार्मिक स्थल देश विदेश के लोगों की आस्था का केंद्र बने हुए हैं। आज हम ऐसे ही एक अन्य धार्मिक स्थल की बात कर रहे हैं जो पवन पुत्र हनुमान जी को समर्पित है। यह स्थल पर्यटन नगरी कसौली का प्रसिद्ध मंकी प्वाइंट है। यहां देश विदेश के पर्यटक वर्ष भर आते हैं। यह स्थल भारतीय वायु सेना स्टेशन के तहत आता है इसलिए यहां सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा जाता है।

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रामायणकाल से जुड़ा है संबंध मंकी प्वाइंट कसौली का संबंध रामायणकाल से ही जुड़ा है और इसलिए इसका धार्मिक महत्व श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। ऐसा माना जाता है कि जब लंका में राम और रावण युद्ध के दौरान मेघनाद के शक्ति बाण से लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे तो हनुमान जी को संजीवनी बूटी लाने के लिए हिमालय भेजा था। संजीवनी बूटी के बजाए हनुमान जी पूरा हिमालय पर्वत ही उठा लाए थे। हिमालय पर्वत लाते समय उनका दायां पांव कसौली की इस ऊंची पहाड़ी पर टिका था, जिस कारण इस भूखंड की आकृति विशाल दायें पांव की तरह है। यहां पर पहाड़ी पर बने मंदिर में खुद को कुदरत की गोद में बैठा हुआ महसूस किया जा सकता है। मंदिर की पहाड़ी में वानरों की टोलियां यहां अठखेलियां करती रहती हैं और कई बार लोगों से प्रसाद भी छीन लेते है। इसलिए यहां खाद्य वस्तुएं ले जाना मना है। यहां से एक ओर शिमला, चायल, श्रीनयना देवी, कांगडा की धौलाधार और ऊपर की तरह हिमाचल की बर्फ से ढ़की नजर आती हैं। इससे दूसरी ओर चंडीगढ़, पंचकूला व मैदानी राज्यों के दृश्य मन मोह लेते हैं।

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संजीवनी हनुमान मंदिर में करें हनुमंत के दर्शन

कसौली बस स्टैंड से करीब चार किलोमीटर दूर वायुसेना स्टेशन है, जहां से पूरी जांच प्रक्रिया के बाद ही आगे जाया जा सकता है। तीन सौ मीटर की खड़ी पहाड़ी पर रे¨लग वाले रास्ते से चलकर ही मंकी प्वाइंट हिल पर बने संजीवनी हनुमान मंदिर में बजरंगबली के दर्शन किए जा सकते हैं। पहले यह स्थान स्थानीय करयाड़ देव के लिए भी जाना जाता था और आसपास के ग्रामीण करयाड़ देव की पूजा करते थे। जब से एयर फोर्स स्टेशन यहां बना है तब से मंदिर का सुंदरीकरण शुरू हुआ। आज मंदिर के अलौकिक दर्शन दूर क्षेत्र से भी किए जा सकते हैं। मंदिर के सुबह-शाम पूजा करते हैं। मंदिर सुबह नौ बजे खुल जाता है और शाम को चार बजे बंद हो जाता है। मंदिर की चढ़ाई चढ़ते समय राम नाम के दोहे रास्तों पर लिखे हैं, जिन्हें पढ़ते हुए चढ़ने से लोग थकते नहीं हैं। मंदिर के रास्ते में जगह- जगह स्पीकर सिस्टम में मंद-मंद आवाज में हनुमानजी के भजनों को सुनकर यात्रा और भी सुखद हो जाती है। मंदिर में हनुमान जयंती पर विशाल भंडारे का भी आयोजन होता है।

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नियमों का रखें पूरा ध्यान यह मंदिर वायुसेना के स्टेशन में आता है इसलिए यहां नियमों का पूरा ध्यान रखे। स्टेशन में प्रवेश करते समय हथियार, मोबाइल, पैन ड्राइव, कैमरा, दूरबीन, रेडियो, वॉकमैन, लाइटर, एमपी 3 प्लेयर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक समान ले जाना वर्जित है। इसलिए यहां आने वाले श्रद्धालुओं को इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए और साथ ही प्लास्टिक व खाद्य वस्तुएं न लें जाए।

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