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'मशरूम सिटी ऑफ इंडिया' सोलन, 22 साल पहले क्‍यों मिला ये दर्जा; पढ़ें पूरी खबर

22 साल पहले 10 सितंबर 1997 को भारतीय मशरूम सम्मेलन के दौरान हिमाचल के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र्र सिंह ने सोलन को मशरूम सिटी ऑफ इंडिया का दर्जा दिया था।

By Babita kashyapEdited By: Updated: Tue, 10 Sep 2019 08:44 AM (IST)
'मशरूम सिटी ऑफ इंडिया' सोलन, 22 साल पहले क्‍यों मिला ये दर्जा; पढ़ें पूरी खबर
सोलन, मनमोहन वशिष्ठ। मशरूम सिटी ऑफ इंडिया का नाम जहन में आते ही सोलन शहर की तस्वीर सामने आ जाती है। यह नाम सोलन को मशरूम की खोज कर करने के लिए 22 साल पहले आज के ही दिन मिला था। सोलन के चंबाघाट स्थित मशरूम अनुसंधान निदेशालय (डीएमआर) मंगलवार को इसकी 22वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रीय मशरूम मेले का आयोजन करेगा। 

सोलन शहर के योगदान व मशरूम रिसर्च, इसे लोकप्रिय बनाने की दिशा में डीएमआर के प्रयासों को देखते हुए 10 सितंबर, 1997 को भारतीय मशरूम सम्मेलन के दौरान हिमाचल के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र्र सिंह ने इसे भारत की मशरूम सिटी घोषित किया था। राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान परिषद के तत्वाधान में छठी पंचवर्षीय योजना के दौरान 1983 में राष्ट्रीय मशरूम अनुसंधान व प्रशिक्षण केंद्र सोलन में (बाद में मशरूम के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र के रूप में नाम बदला गया) अस्तित्व में आया। सोलन में अपने मुख्यालय के साथ पांच राज्यों के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों में छह केंद्रों पर मशरूम सुधार परियोजना का समन्वय किया।

केंद्र का उद्घाटन 21 जून, 1987 को तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री व आइसीएआर सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. गुरदयाल सिंह ढिल्लों ने किया था। इसे 26 दिसंबर 2008 को मशरूम अनुसंधान निदेशालय (डीएमआर) में अपग्रेड किया गया था। वर्तमान में ऑल इंडिया को-आर्डिनेटेड रिसर्च प्रोजेक्ट ऑन मशरूम द्वारा सर्वेक्षण करने, नए किस्म के मशरूम एकत्रित करने, अनुकूलन क्षमता की जांच करने के लिए देश के 27 राज्यों में डीएमआर सोलन की विकसित तकनीकों की परीक्षण करने व अन्य कार्यों के लिए 23 समन्वय और 9 सहकारी केंद्र हैं। 

मशरूम उत्पादक लेंगे मेले में भाग

डीएमआर सोलन में आज होने वाले राष्ट्रीय मशरूम मेले में उप महानिदेशक (बागवानी विज्ञान) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली डॉ. आनंद कुमार सिंह बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे। नौणी विवि के वीसी डॉ. परविंदर कौशल, डीएमआर सोलन के पूर्व निदेशक डॉ. मनजीत सिंह, केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला के निदेशक डॉ. एसके चक्रवर्ती और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बीके पांडे बतौर विशिष्ठ अतिथि शामिल होंगे। हर वर्ष मेले में 20 से 25 राज्यों के किसान, मशरूम उत्पादक, अनुसंधानकर्ता भाग लेते हैं।

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