Move to Jagran APP

Shimla Masjid Dispute: अवैध मस्जिदों के विरोध में हिंदू संगठनों का प्रदर्शन, वक्फ बोर्ड भंग करने की मांग

शिलाई में हिंदू संगठनों ने राजधानी शिमला में मस्जिद के अवैध निर्माण के विरोध में प्रदर्शन किया। देवभूमि संघर्ष समिति ने दूसरे राज्यों से आने वाले मुस्लिमों का सत्यापन करने की मांग की। लोगों ने अवैध रूप से बने मस्जिदों और मजारों पर कार्रवाई की मांग की। डीएसपी पांवटा साहिब ने भी अन्य राज्यों के लोगों के सत्यापन के निर्देश दिए हैं।

By Rajan Punir Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 22 Sep 2024 08:51 AM (IST)
Hero Image
अवैध मस्जिद निर्माण के विरोध में शिलाई में प्रदर्शन करते हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता
जागरण संवाददाता, नाहन। राजधानी शिमला में मस्जिद के अवैध निर्माण के विरोध में शनिवार को सिरमौर जिला के शिलाई में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान देवभूमि संघर्ष समिति ने वक्फ बोर्ड को भंग करने और दूसरे राज्यों से आने वाले मुस्लिमों का सत्यापन करने की मांग की। देवभूमि संघर्ष समिति शिलाई के अध्यक्ष ओम प्रकाश ने वक्फ बोर्ड पर आरोप लगाया कि यह भू-माफिया की तरह काम कर रहा है और प्रदेश की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं।

अवैध मस्जिदों और मजारों पर कार्रवाई की मांग

उन्होंने मांग की कि इस बोर्ड को तुरंत समाप्त किया जाए और प्रदेश में अवैध रूप से बनी मस्जिदों और मजारों पर कार्रवाई की जाए। चेतावनी दी कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो हिंदू समाज उग्र आंदोलन करेगा। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंप उचित कदम उठाने की मांग की।

यह भी पढ़ें- सुजानपुर के चार धाम सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम, पर्यटन को भी लगा रहे हैं पंख

पांवटा साहिब की डीएसपी ने दिए ये निर्देश

वहीं, पांवटा साहिब की डीएसपी अदिती सिंह ने पांवटा साहिब और शिलाई उपमंडल के तहत समस्त थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि क्षेत्राधिकार में जितने भी अन्य राज्यों के लोग फल/सब्जी की रेहड़ी व अन्य सामान बेचने की दुकान लगा रहे हैं, उनके बारे में संपूर्ण जानकारी एकत्र करें और उनके संबंधित थाना से चरित्र सत्यापन बारे पत्राचार करें।

डीएसपी ने बताया कि समस्त थाना प्रभारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि अन्य राज्यों के जितने भी मजदूर उनके क्षेत्राधिकार में ठहरे हैं, उनका सत्यापन मकान मालिक के माध्यम से संबंधित पार्षद, पंचायत प्रधान व वार्ड सदस्य से करवाना सुनिश्चित करें। इनका रिकॉर्ड तैयार करके थाना के रजिस्टर में दर्ज किया जाए।

यह भी पढ़ें- Himachal News: अब मुफ्त नहीं मिलेगा पानी, गांवों में हर महीने इतने रुपये का बिल, जानें किसे मिलेगी छूट

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।