Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे सोलन के बाबा अमरदेव, रामलला की नगरी में करेंगे अश्वमेध यज्ञ; 18 दिनों तक चलेगा महायज्ञ
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में सोलन के कंडाघाट स्थित तुंदल रामलोक मंदिर के संस्थापक बाबा अमरदेव को शामिल होने का न्योता मिला है। वहां प्राण प्रतिष्ठा में वह बैठेंगे और साथ ही अश्वमेध यज्ञ का भी आहवान करेंगे। सरयू के तट पर वह 1008 ब्राह्मण देवताओं द्वारा 1008 हवन कुंडों में 18 दिनों तक यह यज्ञ चलेगा। यह यज्ञ इससे पहले त्रेता युग में प्रभु श्रीराम द्वारा करवाया गया था।
जागरण संवाददाता, सोलन। Ram Mandir: अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही त्रेता युग के बाद अब दूसरी बार अश्वमेघ यज्ञ का भी आहवान किया जाएगा। इसके लिए जिला सोलन के कंडाघाट स्थित तुंदल रामलोक मंदिर के संस्थापक बाबा अमरदेव ने तैयारी कर ली है।
प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में सम्मिलित होने का मिला न्योता
राम मंदिर समिति की तरफ से उन्हें प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में सम्मिलित होने का न्योता मिला है और वह इसके लिए 13 जनवरी को रवाना हो रहे हैं। 15 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम शुरू होगा, जो कि 22 जनवरी तक चलेगा। इसके साथ साथ ही रामलोक मंदिर की तरफ से मंदिर परिसर के निकट सरयू नदी के तट पर ही चल रहे अश्वमेघ यज्ञ को 18 दिनों तक पूरा किया जाएगा, जिससे पूरे संसार के समस्त प्रकार के दोष खत्म होंगे।
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अयोध्याजी से रहा है गहरा प्रेम
कंडाघाट के निकट तुंदल पंचायत में बने श्रीराम लोक मंदिर के संस्थापक बाबा अमरदेव का अयोध्या जी से गहरा नाता रहा है। मंदिर निर्माण की शुरूआत से ही उन्होंने मंदिर निर्माण को लेकर कई तरह के हवन यज्ञों का आयोजन यहां मंदिर परिसर क्षेत्र में किया है। उसके बाद जब इस मंदिर निर्माण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय से आदेश मिले थे तो श्रीराम लोक मंदिर ट्रस्त की तरफ से 51 लाख रुपये की सहयोग राशी भी प्रदान की गई थी।
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अश्वमेध यज्ञ करेंगे बाबा अमरदेव
रामलला की नगरी अयोध्याजी में आने का उन्हें भी न्योता मिला है। वहां प्राण प्रतिष्ठा में वह बैठेंगे और साथ ही अश्वमेध यज्ञ का भी आहवान करेंगे। सरयू के तट पर वह 1008 ब्राह्मण देवताओं द्वारा 1008 हवन कुंडों में 18 दिनों तक यह यज्ञ चलेगा। यह यज्ञ इससे पहले त्रेता युग में प्रभु श्रीराम द्वारा करवाया गया था। यह यज्ञ दूसरी बार होने जा रहा है और इसे एक सूर्यावंशी ही करवा सकता है। वह राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर काफी खुश हैं। -बाबा अमरदेव, संस्थापक रामलोक मंदिर हिमाचल।
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