Snowfall in Himachal: हिमाचल में हो रही बर्फबारी और बारिश फलदार पौधों के लिए फायदेमंद
हिमाचल प्रदेश में लगातार बर्फबारी जारी है और ये बर्फबारी सेब की पैदावार के लिए काफी फायदेमंद है। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी व बारिश फलदार पौधों के लिए संजीवनी साबित होगी। विशेष रूप से सेब के लिए यह बारिश काफी अधिक फायदेमंद हैं।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Fri, 20 Jan 2023 03:35 PM (IST)
सोलन, जागरण संवाददाता। हिमाचल प्रदेश में लगातार बर्फबारी जारी है। जहां एक ओर भारी बर्फबारी से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है तो वहीं, बर्फबारी व बारिश फलदार पौधों के लिए संजीवनी का काम कर सकती है। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी व बारिश फलदार पौधों के लिए संजीवनी साबित होगी। विशेष रूप से सेब व गुठलीदार फलों के लिए यह बारिश काफी अधिक फायदेमंद हैं।
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सेब के लिए फायदेमंद बर्फबारी
बर्फबारी से पहाड़ों पर लगातार तापमान में गिरावट आ रही है। सेब व गुठलीदार फलों के लिए यह बर्फबारी और बारिश काफी फायदेमंद होगी। डा. वाईएस. परमार विवि नौणी के कृषि एवं बागवानी विशेषज्ञ डा. सतीश भारद्धाज का कहना है कि दिसंबर माह में इस वर्ष सामान्य से काफी कम बारिश व बर्फबारी हुई है जिसकी वजह से सेब के पौधों के चिलिंग आवर्स पूरे नहीं हुए हैं। अभी 50 प्रतिशत ही चिलिंग आवर्स पूरे हो पाए हैं।यह भी पढ़ें: बिलासपुर में ट्रक आपरेटरों ने "Adani Go Back" के नारे संग, निकाली 11 किलोमीटर लंबी पैदल आक्रोश रैली
चिलिंग आवर्स हो जाएंगे पूरे
डा. सतीश भारद्धाज ने कहा कि इन दिनों हो रही बर्फबारी के बाद मौसम में आर्दता का स्तर भी बढ़ा है। इसके बाद अब बागवान सेब के पौधों की प्रूनिंग का कार्य भी फिर से शुरू कर सकते हैं। इसी प्रकार गुठलीदार फलों को भी 400 से 600 घंटे के चिलिंग आवर्स की जरूरत रहती है। यह कमी भी इन दिनों हो रही बारिश के बाद पूरी होगी।उन्होंने कहा कि बारिश के बाद बागवान फलदार पौधे भी लगा सकते हैं। लगातार सूखे की वजह से फलदार पौधों के सूखने का खतरा अधिक रहता है। उन्होंने कहा कि गेंहू व अन्य नगदी फसलों के लिए भी यह बारिश काफी अधिक लाभदायक है।
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