Solan: नगर निगम में पार्षदों के पति कामकाज में नहीं कर पाएंगे हस्तक्षेप, शहरी विकास विभाग ने लिया कड़ा संज्ञान
नगर निगम सोलन में अब पार्षदों के पति कामकाज में हस्तक्षेप नहीं कर पाएंगे। प्रदेश के शहरी विकास विभाग ने नगर निगम सोलन की बैठक में बीते दिनों महिला पार्षदों के पतियों को लेकर उपजे विवाद पर संज्ञान लिया है।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Fri, 21 Apr 2023 07:57 AM (IST)
सोलन, संवाद सहयोगी : नगर निगम सोलन में अब पार्षदों के पति कामकाज में हस्तक्षेप नहीं कर पाएंगे। प्रदेश के शहरी विकास विभाग ने नगर निगम सोलन की बैठक में बीते दिनों महिला पार्षदों के पतियों को लेकर उपजे विवाद पर संज्ञान लिया है। निदेशक शहरी विकास विभाग ने बीते दिनों प्रदेश के सभी निकायों को पार्षदों के पतियों के हस्तक्षेप को रोकने के लिए आदेश जारी किए हैं।
तीन महिला पार्षदों निलंबित
शहरी विकास विभाग ने प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर परिषदों व पंचायतों को इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना में लिखा है कि प्रदेश के कई शहरी निकायों से महिला पार्षदों के पतियों के हस्तक्षेप को लेकर सूचनाएं आ रही हैं, जिसे तुरंत प्रभाव से रोका जाए। बीते दिनों नगर निगम सोलन के जनरल हाउस में कांग्रेस की तीन पार्षदों व महापौर के बीच पति पार्षदों के कार्यों मे हस्तक्षेप को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद महापौर ने तीन महिला पार्षदों को हाउस से निलंबित कर दिया था।
एमसी एक्ट में पतियों को सलाहकार बनाने का कोई प्राविधान नहीं
तीनों महिला पार्षदों का आरोप था कि उनके पतियों को निगम के कार्यों में हस्तक्षेप पर रोक है, जबकि निगम की महापौर के पति कार्यालय में उनके साथ ही रहते हैं। इसके बाद महापौर ने इसके जवाब में कहा था उनके पति को निगम में सलाहकार के रूप मे नियुक्त किया है। जबकि एमसी एक्ट में ऐसा कोई प्रविधान नहीं है। वहीं निगम के पदाधिकारियों का कहना है कि पार्षदों के पतियों के हस्तक्षेप को लेकर पहले से ही एमसी एक्ट में प्रविधान है। यदि भविष्य में ऐसी कोई शिकायत मिलेगी तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।पार्षदों ने बजट न मिलने को लेकर लिखा पत्र
कांग्रेस की तीन पार्षदों ने बजट न मिलने को लेकर लिखा पत्र नगर निगम के पिछले हाउस से निलंबित कांग्रेस की तीन महिला पार्षदों ने उनके वार्डों में विकास कार्यों के लिए दिया जाने वाला 20 लाख रुपये का बजट रोकने पर आपत्ति जताई है। इस संबंध में उन्होंने शहरी विकास विभाग को भी पत्र लिखा है। नगर निगम की जनवरी में हुई बैठक में सदन में अनुपस्थित पार्षदों को निगम द्वारा बजट रोक दिया गया है।
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