पर्यटन पर पड़ रहा टैक्स बढ़ोतरी का असर, टूरिस्ट की आमद में हुई भारी गिरावट; कारोबारियों को हो रहा नुकसान
Tourism in Himachal सुक्खू सरकार द्वारा टूरिस्ट बसों व टैंपों ट्रेवलरों पर प्रतिदिन के हिसाब से हजारों रूपये का टैक्स लगाने का प्रतिकूल प्रभाव पर्यटन कारोबार पर पड़ा है। पर्यटकों की संख्या में लगातार कमी हो रही है। पर्यटन नगरी कसौली में इस सप्ताहंत कुल 30 प्रतिशत ही ऑक्यूपेंसी होटलों में रही। कई होटलों में एकाध की कमरे बुक हो पाए।
By manmohan vashishtEdited By: Preeti GuptaUpdated: Mon, 25 Sep 2023 10:19 AM (IST)
सोलन,संवाद सहयोगी। Tourism in Himachal: सुक्खू सरकार द्वारा टूरिस्ट बसों व टैंपों ट्रेवलरों पर प्रतिदिन के हिसाब से हजारों रूपये का टैक्स लगाने का प्रतिकूल प्रभाव पर्यटन कारोबार पर पड़ा है। प्रदेश के कई हिल स्टेशनों में एकदम से पर्यटकों की आमद में भारी गिरावट आ गई है।
कसौली में पर्यटकों से रही 30 प्रतिशत ही ऑक्यूपेंसी
पर्यटन नगरी कसौली में इस सप्ताहंत कुल 30 प्रतिशत ही ऑक्यूपेंसी होटलों में रही। कई होटलों में एकाध की कमरे बुक हो पाए। ऐसा ही हाल पर्यटक स्थल चायल का भी रहा। वहां भी सप्ताहंत पर पर्यटकों की संख्या अपेक्षा से बहुत कम रही।
टैंपों ट्रेवलर यूनियनों ने हिमाचल आने के लिए किया बायकॉट
जुलाई-अगस्त माह में भारी बारिश के कारण पहले ही पर्यटन व्यवसाय ठप हो गया था, जिसके बाद पर्यटन कारोबार पटरी पर लौटने लगा था। लेकिन अब प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटक बसों व टैंपो ट्रेवलरों से प्रतिदिन के हिसाब से टैक्स लगाने से फिर से व्यवसाय में गिरावट आ गई है। कई राज्यों की टैंपों ट्रेवलर यूनियनों ने तो हिमाचल आने के लिए बायकॉट भी कर दिया है और टैक्स बंद करने की मांग भी की है।टैक्स बढ़ाने से कम हो रहा टूर और ट्रैवल
गौरतलब है कि प्रदेश के अधिकतर हिल स्टेशनों पर स्कूली बच्चों व कॉलेजों के टूअर बसों व टैंपों ट्रेवलरों से आते हैं, लेकिन अब टैक्स बढ़ने के कारण इसमें भारी कमी देखी जा रही है। गिरते कारोबार को देखते हुए होटल व्यवसायी व दुकानदार भी चिंतित हो गए हैं और प्रदेश सरकार से इस संबंध में फिर से निर्णय लेने की मांग की है।यह भी पढ़ें- हिमाचलवासियों को राहत पैकेज के लिए करना पड़ेगा इंतजार, राशि में हो सकता है इजाफा; केंद्र के पास जाएगी सरकार
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।