Himachal News: बलिदानी बेटे को नहीं सम्मान तो कारगिल पहुंचे परिजन, पिता ने कहा- यहां आते ही पुरानी यादें हो जाती हैं ताजा
बलिदानी कैप्टन अमोल कालिया के परिजन कारगिल युद्ध के तीन दिवसीय रजत जयंती समारोह में शामिल होने के लिए कारगिल पहुंच गए हैं। अमोल कालिया के पिता सतपाल कालिया ने कहा कि ऊना जिला प्रशासन उनके बेटे के बलिदान को याद रखने के लिए कोई कार्यक्रम तक आयोजित नहीं करता और ना ही उन्हें किसी कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाता है।
सतीश चंदन, ऊना। कैप्टन अमोल कालिया कारगिल युद्ध के वह हीरो रहे हैं, जो खुद तो बलिदान हो गए लेकिन अपनी शहादत के निशान सदा के लिए छोड़ गए। ऐसे बलिदानियों पर हर किसी को नाज होना चाहिए जिन्होंने महज 25 वर्ष की आयु में देश के लिए हंसते-हंसते बलिदान दिया।
मरणोपरांत वीर च्रक्र पाने वाले कैप्टन आमोल कालिया अविवाहित थे। हालांकि परिवार ने आमोल की पुरानी यादों को घर में संजो कर रखी हुई है। भारत के प्रति अमर प्रेम व पाकिस्तान के प्रति गुस्सा आज भी उनके घर की छत पर रखी गई तोप के मॉडल के मुंह को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है।
कैप्टन अमोल कालिया ऊना जिले के चिंतपूर्णी के थे और उनका परिवार नया नंगल पंजाब में रहता है। कालिया की यादों को ताजा रखने के लिए परिवार ने उनकी हर चीज को सहेजकर रखा है। इसमें एक मारुति कार भी है।
अगली पीढ़ी भी सेना में जाने की कर रही तैयारी
अमोल कालिया और अमन कालिया के भारतीय सेना में सेवा देने के बाद इनकी अगली पीढ़ी भी सेना में जाने की तैयारी में है। अमन कालिया के बेटे नमन कालिया भी भारतीय सेना में जाने के लिए तैयारी कर रहे हैं। वह एनडीए परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।
क्या बोले कैप्टन अमोल कालिया के पिता?
बलिदानी अमोल कालिया के पिता सतपाल कालिया ने कहा कि उनके बेटे ने दुश्मनों से डटकर मुकाबला कर देश की आन-बान-शान के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। कालिया ने कहा कि उन्हें बेटा खोने का गम तो है लेकिन साथ ही अपने पुत्र के बलिदान पर आज भी नाज है।उन्हें इस बात का बड़ा दुख है कि ऊना जिला प्रशासन उनके बेटे के बलिदान को याद रखने के लिए कोई कार्यक्रम तक आयोजित नहीं करता और ना ही उन्हें किसी कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाता है। जिसके चलते वह कार्यक्रम के दो दिन पहले कारगिल के लिए परिवार समेत रवाना हो गए है। क्योंकि कारगिल दिवस के समारोह में उन्हें पहले की तरह ही आज भी सम्मान मिलता है।
उन्होंने कहा कि जब कारगिल दिवस आता है तो उस दिन पुरानी सारी यादें ताजा हो जाती है। उस दिन ऐसा लगता है कि जैसे आज ही सब घटित हुआ है। उनका बड़ा बेटा भी एयरफोर्स में अधिकारी के पद पर कार्यरत है और देश की सेवा में लगातार डटा हुआ है।यह भी पढ़ें: Kargil Vijay Diwas 2024: विजय दिवस का जश्न शुरू, लाइट शो के जरिए कारगिल युद्ध का मंजर दोहराएगी सेना
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