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चाचा की समझदारी ने संभाला माहौल, भतीजी हुई विदा; अब भाई की उठेगी अर्थी

पूरे घर में बेटी की शादी की तैयारी चल रही थी की अचानक पिता की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई लेकिन चाचा की समझदारी ने माहौल को संभाल लिया।

By Babita kashyapEdited By: Updated: Mon, 09 Dec 2019 09:30 AM (IST)
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चाचा की समझदारी ने संभाला माहौल, भतीजी हुई विदा; अब भाई की उठेगी अर्थी
अम्ब, अजय टबयाल। किशन के घर रविवार सुबह बेटी की शादी के चलते उल्लास का माहौल था। शाम को बरात आनी थी इसलिए ऊना जिले के अम्ब क्षेत्र के सरोई गांव के लोग भी किशन के घर पर तैयारियों में जुटे थे। रिश्तेदारों का आना तो शनिवार से शुरू हो गया था।

हर तरफ खुशी का ही माहौल था लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। सुबह अचानक किशन चंद की तबीयत बिगड़ी और छोटा भाई विजय उन्हें सिविल अस्पताल अंब ले गया। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही किशन स्वर्ग सिधार गए। विजय के लिए परिस्थितियां बेहद नाजुक हो गईं। आखिर में उसने निर्णय लिया कि वे घर में भाई की मौत की जानकारी न देकर केवल यही बताएंगे कि अभी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। विजय ने अस्पताल के स्टाफ से गुहार लगाई कि एक दिन के लिए शव को अस्पताल के फ्रीजर में रहने दिया जाए ताकि वह शाम को भतीजी की डोली को कंधा दे सके।

इसके अगले दिन स्वजनों को असलियत से वाकिफ करवा दिया जाएगा। अस्पताल स्टाफ ने भी उसकी मजबूरी को समझा और शव को फ्रीजर में रखवा दिया। अब विजय भतीजी की डोली उठने के बाद सोमवार को भाई की अर्थी को कांधा देगा। 

मज़दूरी करके परिवार पाल रहा था, किशन चंद किशन के चार बच्चों में से तीन बेटियां और एक बेटा है। वह किसी तरह मेहनत मजदूर कर घर का खर्च चला रहा था। बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है और रविवार शाम को मंझली बेटी की बारात आनी थी। इसके लिए तैयारियां भी पूरी हो चुकी थीं। विजय कुमार ने बताया कि अगर वो परिवार को यह जानकारी दे दें कि भाई स्वर्ग सिधार चुके हैं, तो शादी समारोह में खुशी का माहौल मातम में बदल जाएगा। ऐसे में उसने फिलहाल किशन कुमार के स्वजनों को यह नहीं बताया है कि किशन कुमार की मौत हो चुकी है। स्वजनों को इतना ही पता है कि किशन का अस्पताल में इलाज चल रहा है। 

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