'संविधान लहराने से काम नहीं चलेगा, इसे पढ़ना भी पड़ेगा', राहुल गांधी पर ये क्या बोल गए अनुराग ठाकुर?
हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संविधान देने वाले अंबेडकर को ही कांग्रेस ने सत्ता और राजनीति से बाहर किया था। अनुराग ठाकुर ने कहा कि संविधान का किसी ने अपमान किया है तो वो कांग्रेस ने किया है। दरअसल विपक्ष इन दिनों लगातार केंद्र सरकार पर संविधान बदलने का आरोप लगा रहा है।
जागरण संवाददाता, ऊना। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि चलते-फिरते संविधान की कापी दिखाने और इसकी झूठी कसमें खाने से सच्चाई नहीं बदल जाएगी। अगर किसी ने संविधान का अपमान किया है तो वो है कांग्रेस और गांधी परिवार है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को पहले संविधान की भूमिका पढ़नी चाहिए और देश को बताना चहिए कि इसमें क्या लिखा है। उसमें कांग्रेस सरकार के काले कारनामे और संविधान विरोधी करतूतों का वर्णन है, जिसके बारे में राहुल गांधी चुप्पी साधे रहते हैं।
राहुल गांधी पर साधा निशाना
उन्होंने रविवार को ऊना में जारी बयान में संविधान के मुद्दे पर कांग्रेस पर सवाल खड़ा किया है। अनुराग ने कहा कि राहुल गांधी और उनकी कांग्रेसी जमात संविधान से अधिक प्रेम दिखा रही है। 1975 में आपातकाल लगाकर पूरे विपक्ष को जेल में डाल कर इन्होंने पूरा संविधान ही बदल दिया।अनुराग ठाकुर ने बताया कि पिछले सत्र में भरे सदन में उन्होंने राहुल गांधी और इनके नकलची जमात से पूछा था कि क्या उन्हें पता भी है कि संविधान के पुस्तक में कितने पन्ने हैं।
उन्होंने एक बार फिर सवाल किया क्या राहुल गांधी ने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा भी है? इसीलिए बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि नकल करने के लिए भी अकल की जरूरत होती है और इन्हें अगर अक्ल होती तो पहले संविधान पढ़ते।
'इंदिरा गांधी ने न्यायपालिका को कमजोर करने का कोशिश की थीं'
अनुराग ठाकुर ने संविधान के एक प्रति की भूमिका का भी जिक्र किया, जिसे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल ने लिखा है। उन्होंने बताया कि केके वेणुगोपाल ने लिखा है कि कांग्रेस सरकार न्यायपालिका को धमकाती थी और उसे अंजाम भुगतने की धमकी भी देती थी।
जब इलाहाबाद हाइकोर्ट नें इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द कर दिया था तो उन्होंने देश पर आपातकाल लागू कर दिया था। इंदिरा गांधी ने न्यायपालिका को कमजोर करने का कोशिश की थी।केके वेणुगोपाल की प्रस्तावना के कुछ अंश भी पढ़े और संविधान के सातवें संस्करण की भूमिका के उस अंश को भी पढ़ा, जिसे वरिष्ठ अधिवक्ता शंकर नारायणन ने लिखा है।यह भी पढ़ें- हिमाचल में नवनिर्वाचित विधायकों ने ग्रहण की शपथ, साढ़े चार महीने बाद पूरी हुई विधानसभा में सदस्यों की संख्या
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