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क्या बंद हो जाएगा इंडस विवि? शिक्षा विभाग ने दाखिले कम होने पर मांगा जवाब, पूछा-कम क्यों हुई छात्रों की संख्या

ऊना जिला स्थित इंडस इंटरनेशनल विश्वविद्यालय से शिक्षा विभाग ने पिछले 5 सालों में हुए दाखिलों का रिकॉर्ड तलब किया है। इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलसचिव को पत्र लिखा गया है जिसमें पूछा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 में विवि में कितने दाखिले हुए हैं। इसके साथ पिछले 5 सालों के दाखिलों (2018-19 से 2023-24) का ब्यौरा भी दें।

By Preeti Gupta Edited By: Preeti Gupta Published: Sun, 28 Jan 2024 09:27 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jan 2024 09:27 AM (IST)
शिक्षा विभाग ने इंडस विवि से पूछा कम क्यों हुई छात्रों की संख्या

जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal News: ऊना जिला स्थित इंडस इंटरनेशनल विश्वविद्यालय से शिक्षा विभाग ने पिछले 5 सालों में हुए दाखिलों का रिकॉर्ड तलब किया है। अतिरिक्त निदेशक उच्चतर शिक्षा डॉ. हरीश कुमार की ओर से इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलसचिव को पत्र भेजा है।

पांच सालों में क्यों कम हुए एडमिशन

पत्र में पूछा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 में विवि में कितने दाखिले हुए हैं। इसके साथ पिछले 5 सालों के दाखिलों (2018-19 से 2023-24) का ब्यौरा भी दें। विभाग की ओर से जारी पत्र में पूछा गया है कि पिछले 5 सालों में छात्रों की एडमिशन लगातार कम क्यों हुई है। इसका क्या कारण रहा है यह भी बताना होगा।

पूरा रिकॉर्ड आने के बाद इंडस विवि पर होगी कार्रवाई

पूरा रिकॉर्ड आने के बाद आयोग इस मामले में आगामी कार्रवाई अमल में लाएगा। हिमाचल निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने अनियमित्ता के चलते बंद करने की सिफारिश की थी। चूंकि विश्वविद्यालय की स्थापना व बंद करने का अंतिम निर्णय सरकार के पास होता है।

जांच के लिए गठित की गई कमेटी

आयोग की सिफारिश आने के बाद सचिव शिक्षा ने अतिरिक्त निदेशक उच्चतर शिक्षा की अध्यक्षता में एक और कमेटी गठित की है। यह कमेटी इस पूरे मामले को देखेगी और अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी। आयोग के फैसले को भी देखा जाएगा उसके बाद इस दिशा में आगामी निर्णय लिया जाएगा।

बढ़ने के बजाए कम हुए थे दाखिले

हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के मुताबिक वर्ष 2019-20 में विवि में 135 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया। जबकि 2020-21 में केवल 55 विार्थियों ने दाखिला लिया। 2021-22 व 2022-23 में 166 आवेदन दाखिले के लिए आए। विवि में कई प्रोफेशनल कोर्स चलते हैं।

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प्रोफेशनल कोर्सेज में छात्रों ने कम लिया दाखिला

दाखिले जिस मुताबिक बढ़ने चाहिए वह नहीं बढ़े। प्रोफेशनल कोर्सेज में भी काफी कम छात्रों ने दाखिला लिया। सचिव शिक्षा की ओर से गठित कमेटी यह जांचेगी कि यहां पर सुविधाएं कम थी या फिर शिक्षक अनुभवी नहीं थे। दाखिले कम होने का कारण विवि से भी पूछा है जबकि कमेटी अपने स्तर पर भी इसकी जांच करेगी।

आयोग ने की थी जांच

यह विश्वविद्यालय ऊना जिला में स्थित है। विश्वविद्यालय के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच के लिए आयोग ने कमेटी गठित की थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट ने कई खामियों का जिक्र किया था। साथ ही यह भी कहा था कि विश्वविद्यालय में मौजूदा छात्र संख्या के अनुसार विश्वविद्यालय चलाना व्यवहार्य नहीं है। ऐसी कम छात्र संख्या के साथ और अपेक्षित मानकों/गुणवत्ता को बनाए नहीं रखा जा सकता। यूनिवर्सिटी द्वारा फैकल्टी को कम वेतन जैसी शिकायतों के बाद इसकी जांच शुरू की थी।

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