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    हिमाचल में लापता लोगों के पीछे अंग तस्करी गिरोह का हाथ? रिटायर्ड इंस्पेक्टर का बड़ा दावा

    आर्मी इंटेलिजेंस से सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर मनोज कौशल ने हिमाचल प्रदेश में लापता लोगों के मामलों में मानव अंग तस्करी के एक संगठित गिरोह के शामिल होने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि 2018 से 2025 तक 11636 लोग लापता हुए जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं। उन्होंने सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि इस रहस्य से पर्दा उठ सके।

    By Chanchal Bali Edited By: Anku Chahar Updated: Thu, 21 Aug 2025 10:33 PM (IST)
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    हिमाचल से लापता लोगों के मामले में मानव अंग तस्करी गिरोह के हाथ होने का दावा (फाइल फोटो)

    संवाद सहयोगी, ऊना। देहलां गांव निवासी आर्मी इंटेलिजेंस से सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर मनोज कौशल ने आरोप लगाया कि हिमाचल से लापता होने वाले लोगों के मामले में मानव अंग तस्करी करने वाला संगठित गिरोह काम कर रहा है जिसकी जड़ें पंजाब के होशियारपुर जिले तक फैली हैं।

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    पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसार हिमाचल के सात जिलों में वर्ष 2018 से लेकर 2025 तक साढ़े सात साल में लगभग 11,636 लोग लापता हुए जिनमें अधिकांश महिलाएं हैं। उन्होंने राज्य सरकार व पुलिस प्रशासन से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है ताकि प्रदेश से लगातार गायब हो रहे लोगों के रहस्य से पर्दा उठ सके और जिम्मेदार गिरोह कानून के शिकंजे में आ सके।

    मनोज कौशल ने ऊना में पत्रकारों से कहा कि महिलाओं को रास्ता पूछने के बहाने गाड़ियों में जबरन उठाकर अगवा कर मानव अंगों की तस्करी में इस्तेमाल किया जाता है। उनकी भाभी भी वर्ष 2018 में रहस्यमय परिस्थिति में लापता हो गई थीं जिनका पता नहीं चला।

    उन्होंने इस संबंध में समय-समय पर पुलिस के आला अधिकारियों को पुख्ता सूचनाएं सुबूत के साथ उपलब्ध भी करवाईं लेकिन विस्तृत जांच नहीं की गई। महिलाओं और अन्य लोगों को गायब करने के आरोपितों की निगाह पंजाब से लगते जिलों कांगड़ा, ऊना, सोलन के बद्दी आदि पर रहती है।

    इसके अतिरिक्त ये लोग बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी और चंबा जैसे जिलों में भी इन घटनाओं को अंजाम देते हैं।