Himachal Election 2022: तीन बार विधायक रहे राकेश कालिया ने आखिर क्यों छोड़ी कांग्रेस, पढ़ें इनसाइड स्टोरी
Rakesh Kalia Join BJP हिमाचल प्रदेश में चुनाव नामांकन के आखिरी दिन भाजपा ने कांग्रेस को दोहरा झटका दिया है। गगरेट क्षेत्र से पूर्व विधायक राकेश कालिया ने भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। चैतन्य शर्मा को टिकट मिलने के बाद से राकेश कालिया नाराज चल रहे थे।
By Jagran NewsEdited By: Rajesh Kumar SharmaUpdated: Tue, 25 Oct 2022 03:34 PM (IST)
गगरेट, संवाद सहयोगी। हिमाचल प्रदेश में चुनाव नामांकन के आखिरी दिन भाजपा ने कांग्रेस को दोहरा झटका दिया है। शाहपुर से मेजर मनकोटिया के अलावा गगरेट क्षेत्र से पूर्व विधायक राकेश कालिया ने भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। राकेश कालिया तीन बार विधायक रहे हैं। विधानसभा क्षेत्र गगरेट में कांग्रेस से चैतन्य शर्मा को टिकट मिलने के बाद से पूर्व विधायक राकेश कालिया नाराज चल रहे थे। इसी नाराजगी के चलते पूर्व विधायक के हाईकमान को एक पत्र लिखा और टिकट बदलने के लिए भी कहा। लेकिन उस पत्र पर कोई भी सुनवाई न होने के बाद राकेश कालिया ने आखिरकार भाजपा का दामन थाम लिया।
पार्टी के हिमाचल प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने की मौजूदगी में राकेश कालिया भाजपा में शामिल हो गए। राकेश कालिया गगरेट से टिकट के सशक्त दावेदार माने जा रहे थे। लेकिन हाईकमान ने चैतन्य शर्मा को गगरेट से टिकट दी। टिकट के बाद राकेश कालिया ने अपने समर्थकों सहित एक बैठक की थी और अपनी नाराजगी जताई थी। गगरेट से भाजपा ने राजेश ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है।
2000 में की थी राजनीतिक सफर की शुरुआत
राकेश कालिया ने वर्ष 2000 से अपना राजनीतिक सफर युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव के रूप में शुरू किया था। वर्ष 2002 में धर्मशाला में सोनिया गांधी की रैली में करीब 50 बसें भरकर ले जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के समक्ष अपना शक्ति प्रदर्शन किया, जिस कारण पहली बार वर्ष 2003 में चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने भाजपा के पूर्व स्वर्गीय मंत्री प्रवीण शर्मा के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा था। चिंतपूर्णी विधानसभा में वर्ष 2003 में राकेश कालिया 26581 मत मिले और अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को करीब 10941 वोट से हराकर राजनीति में धमाकेदार एंट्री की।2007 में हासिल की थी बड़ी जीत
वर्ष 2007 में राकेश कालिया ने एक बार फिर से जीत हासिल की और यह जीत पिछली जीत से भी बड़ी थी। राकेश कालिया ने 16135 वोट से भाजपा के प्रत्याशी नरेंद्र शर्मा को हराया। उसके बाद डिलिमटेश के कारण चिंतपूर्णी विधानसभा सीट आरक्षित हो गई और कांग्रेस ने राकेश कालिया पर विश्वास जताते हुए वर्ष 2012 में गगरेट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उतारा। राकेश कालिया ने गगरेट में भी भाजपा के प्रत्याशी सुशील कुमार को 4897 वोट से हराकर अपना विजयी रथ जारी रखा। लेकिन इस जीत के रथ को भाजपा के राजेश ठाकुर ने रोक लगाई और वर्ष 2017 में भाजपा के राजेश ठाकुर ने 9320 वोट से करारी हार दी। उसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में गगरेट से भाजपा को 22000 वोट से भी ज्यादा की लीड गगरेट से मिली।
इस कारण बदला पासा
वर्ष 2021 में पंचायत चुनाव में जिला परिषद के चुनाव में गगरेट की राजनीति में बतौर आज़ाद प्रत्याशी चैतन्य शर्मा का आगाज हुआ और राकेश कालिया के अपने ज़िला परिषद वार्ड भंजाल में चैतन्य शर्मा ने कांग्रेस और भाजपा समर्थित दोनों प्रत्याशियों की जमानत जब्त करवा कर गगरेट के राजनीति में नई इबारत लिख डाली और उसी के दम पर आखिर में चैतन्य शर्मा को कांग्रेस ने गगरेट से अपना प्रत्याशी बना दिया और राकेश कालिया ने इसी के चलते कांग्रेस को अलविदा कह दिया।यह भी पढ़ें: Himachal Election 2022: जेपी नड्डा की मौजूदगी में मेजर मनकोटिया BJP में शामिल, राकेश कालिया ने भी ली सदस्यता
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