काम की खबर: पुराने तरीके छोड़ें... अब हिमाचल में ड्रोन से करें खेतों में खाद-दवा का छिड़काव; खर्च समेत यहां जानें सभी जानकारी
Himachal हिमाचल में अब अन्नदाताओं को फसलों के बीच में घुसकर खाद व दवा का छिड़काव करने की जरूरत नहीं है। नई तकनीक से फसलों में जरूरी कीटनाशकों का छिड़काव ड्रोन से होगा। ड्रोन की मदद से करीब एक एकड़ भूमि में सिर्फ 10 मिनट में दवा का छिड़काव हो जाएगा। ड्रोन से दवा के छिड़काव का सफल ट्रायल बसाल गांव में किया गया है...
राजेश डढवाल, ऊना। अब किसानों को फसलों के बीच में घुसकर खाद व दवा का छिड़काव करने की जरूरत नहीं है। नई तकनीक से फसलों में जरूरी कीटनाशकों का छिड़काव ड्रोन से होगा। इससे न केवल किसानों का समय बचेगा बल्कि कृषि उत्पादन की लागत भी घटेगी।
दस मिनट में होगा दवा का छिड़काव
ड्रोन की मदद से करीब एक एकड़ भूमि में सिर्फ 10 मिनट में दवा का छिड़काव हो जाएगा। ड्रोन से दवा के छिड़काव का सफल ट्रायल बसाल गांव में किया गया है। विशेषज्ञों की देखरेख में किए गए इस ट्रायल के बाद अब पूरे प्रदेश में ड्रोन के प्रयोग को बढ़ाए जाने की योजना है।
मौजूदा समय में दवा व खाद के छिड़काव पर मजदूरी का खर्च और समय दोनों बर्बाद हो रहे थे। प्रतिकूल मौसम के बीच जरूरी छिड़काव करने में किसानों को परेशानी पेश आ रही थी। कई बार मजदूर समय पर नहीं मिलते थे।
मैपिंग के बाद सेट कंट्रोल से होगा नियंत्रण
ड्रोन में एक यंत्र लगाया गया है जो पूरे क्षेत्र की मैपिंग करेगा। ऐसा होने से खाद व दवा का छिड़काव करते समय कोई भी स्थान नहीं छूटेगा। पूरे रकबे में एक साथ खाद व दवा का छिड़काव हो सकेगा।
किसान कैसे लें सुविधा
ड्रोन से दवा का छिड़काव करने के इच्छुक किसान कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय जमीन का रकबा, फसल के प्रकार, जमीन का रसीद और आधार कार्ड देना होगा। कृषि संरक्षण कर्मी, सहायक प्रबंधक प्राप्त आवेदनों का सत्यापन करेंगे जबकि चयनित एजेंसी ड्रोन से दवा का छिड़काव करने को अधिकृत होगी। हाथों से छिड़काव करने पर पानी, श्रम और पूंजी दोनों अधिक लगते हैं। ड्रोन से छिड़काव करने से इन दोनों की बचत होगी। साथ ही ड्रोन से छिड़काव करने पर किसानों के स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
पानी भी बचेगा
पारंपरिक तरीके से एक एकड़ खेत में दवा का छिड़काव किया जाए तो 150 से 200 लीटर पानी की जरूरत होती है। ड्रोन से यही छिड़काव सिर्फ 10 लीटर पानी में हो जाता है। प्रति एकड़ में छिड़काव करने का खर्च ₹480 रुपये होने की संभावना है।
बसाल में शुक्रवार को किया गया ड्रोन का ट्रायल सफल रहा है। इफको के साथ समन्वय स्थापित कर कृषि विभाग की टीम किसानों को जागरूक करने में जुटी है।
-कुलभूषण धीमान, कृषि उपनिदेशक ऊना।