चार परिवारों को दी आर्थिक सहायता
संजय पराशर कमजोर वर्ग की लगातार सहायता कर रहे हैं। अब उन्होंने चार परिवारों की आर्थिक सहायता की है।
By JagranEdited By: Updated: Tue, 02 Nov 2021 04:12 PM (IST)
संवाद सहयोगी, चिंतपूर्णी : समाज के कमजोर वर्ग को मुख्यधारा में लाने के सकंल्प को लेकर चले कैप्टन संजय पराशर का ऐसे वर्ग को सहायता करने का अभियान जारी है। उन्होंने अब जसवां-परागपुर क्षेत्र के चार परिवारों को आर्थिक सहायता व पेंशन उपलब्ध करवाई है। दो निराश्रित महिलाओं को संजय ने मासिक पेंशन देने का भी निर्णय लिया है।
उन्होंने चलने-फिरने में असमर्थ तीन लोगों को व्हीलचेयर भी उपलब्ध करवाई है। संजय पराशर हर दुख की घड़ी में आम जनता के साथ खड़े रहते हैं। वह दुख की घड़ी में ऐसे लोगों से सीधा संवाद स्थापित कर मदद भी करते हैं। जसवां-परागपुर क्षेत्र की जम्बल पंचायत के वार्ड चार के हरनाम सिंह की कुछ समय पूर्व पानी में डूबने से मौत हो गई थी। घर में आमदनी का कोई साधन नहीं था। जब इस बात का पता पराशर को लगा तो वह इस परिवार के सदस्यों से मिले और हरनाम की पत्नी को 1500 रुपये मासिक पेंशन का चेक दिया। यह घोषणा भी कि जब तक यह परिवार आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होगा, उनकी तरफ से यह सहायता मासिक पेंशन के तौर पर मिलती रहेगी। इसी पंचायत के वार्ड तीन में सुभाष चंद की मौत के बाद संजय ने उनकी पत्नी को 1500 रुपये मासिक पेंशन का प्रविधान किया है। जंबल पंचायत में संजय ने बीमारी से पीड़ित कृष्णा देवी को व्हीलचेयर भी उपलब्ध करवाई है। बठरा और टिप्परी में रविंद्र कुमार व कमलेश कुमारी जो चलने-फिरने में असमर्थ थे, उन्हें व्हीलचेयर दी गई हैं। परागपुर की एक महिला जो गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और उनका इलाज टांडा मेडिकल कालेज के आइसीयू वार्ड में हो रहा है, उनके एमआआइ, सीटी स्कैन और दवा के लिए आर्थिक सहायता उनके बेटे राशि सूद को दी है। इलाज में सहायता के लिए पराशर ने अपनी टीम के सदस्य टीएमसी कांगड़ा में भी भेजे हैं।
कैप्टन संजय ने मूंही पंचायत के परिवार की भी आर्थिक मदद की है। इस परिवार के मुखिया का बीमारी के बाद निधन हो गया था और दवा आदि का बिल भी ज्यादा बना था। परिवार के हालात को देखकर पराशर उनके घर पहुंचे और मदद की। जम्बल पंचायत की प्रधान रचना शर्मा का कहना है कि संजय पराशर नेक दिल इंसान होने के साथ संवदेनशील भी हैं। वह हर आदमी के दुख को अपना समझते हैं। वहीं, संजय का कहना है कि उनका ध्येय है कि किसी बीमारी या अन्य कारणों से उपेक्षित या असहाय हो चुके व्यक्ति या परिवार की समय पर मदद की जाए। समाज को भी कमजोर तबके के पक्ष में खड़ा रहना चाहिए।
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