Una: 24 सालों से उपेक्षा का दंश झेल रहे जिला परिषद कैडर के कर्मचारी, अभी तक नहीं मिला OPS का लाभ; आज भी कट रहा NPS
हिमाचल में जिला परिषद कैडर के कर्मचारी 24 सालों से उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं। अब उन्हें अपना भविष्य में अधर में लटका हुआ नजर आ रहा है। कर्मचारियों ने निराश होकर 22 दिन की पैन डाउन स्ट्राइक की थी। साथ ही ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के इस आश्वासन के बाद हड़ताल को समाप्त किया था कि सरकार उनकी मांगों के संदर्भ में बैठक करेगी।
संवाद सहयोगी, चिंतपूर्णी। 24 वर्षों का लंबा अंतराल बीत जाने के बाद भी प्रदेश में जिला परिषद कैडर के कर्मचारी सरकार द्वारा कोई पारदर्शी नीति नहीं बनाए जाने के कारण उपेक्षा का दंश झेलने को मजबूर हैं और अब उन्हें अपना भविष्य में अधर में लटका हुआ नजर आ रहा है। इन कर्मचारियों का कहना है कि वर्तमान सरकार द्वारा भी कोई निर्णय न लेने से अब उनका मनोबल टूटने लगा है।
कर्मचारियों ने की थी 22 दिन की पैन डाउन स्ट्राइक
यह तब है जब वर्तमान सरकार के समय में भी इस वर्ग के कर्मचारियों ने निराश होकर 22 दिन की पैन डाउन स्ट्राइक की थी। साथ ही ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के इस आश्वासन के बाद हड़ताल को समाप्त किया था कि सरकार उनकी मांगों के संदर्भ में बैठक करेगी।
वहीं इन कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा। बावजूद अभी तक सरकार ने जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों के साथ सरकार ने कोई भी वार्तालाप नहीं किया है, जिस कारण इस वर्ग के कर्मचारियों में बेहद आक्रोश है।
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कर्मचारियों ने लगाए इल्जाम
इन कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश में चाहे किसी भी दल की सरकार रही हो, लेकिन इस कैडर के कर्मचारियों की सुध कभी नहीं ली गई है। इस वर्ग के कर्मचारी ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों की तरह एक समान कार्य कर रहे हैं। जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों की मुख्य मांग यह रही है कि उन्हें पंचायती राज या ग्रामीण विकास विभाग में विलय कर अन्य कर्मचारियों की तरह समस्त वित्तीय लाभ प्रदान किए जाएं।
किसी ने नहीं सुनी फरियाद
पूर्व जयराम सरकार के कार्यकाल में इन कर्मचारियों ने पेन डाउन स्ट्राइक की थी, लेकिन सरकार ने एक कमेटी गठित कर इन कर्मचारियों को आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं दिया। पूर्व भाजपा सरकार ने छठे वेतन आयोग की अधिसूचना तो जारी कर दी लेकिन अभी तक जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ भी नहीं दिया गया है। इन कर्मियों का कहना है कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस नेताओं ने जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को सत्ता में आते ही विभाग में मर्ज करने का आश्वासन दिया था।
सरकार ने किया था एनपीएस कर्मचारियों को ओपीएस देने का वादा
इन कर्मचारियों का आरोप है कि विभागीय कार्य करने के उपरांत भी इन कर्मचारियों को विभाग में मर्ज न करना सरकार ने उचित नहीं समझा जबकि अन्य विभागों में इन कर्मियों के साथ नियुक्त हुए कर्मचारियों को सरकार ने अपना कर्मचारी मान लिया और वे समस्त वित्तीय लाभ प्राप्त कर रहे हैं। जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को अभी तक भी एनपीएस में ही रखा गया है जबकि सरकार ने एनपीएस कर्मचारियों को ओपीएस देने का वादा किया था।
4700 कर्मचारी निराश
हर ओर से निराश हो चुके जिला परिषद कैडर के लगभग 4700 कर्मचारी खुद को असहाय व निराश महसूस कर रहे हैं। कर्मचारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने तीन महीनों के अंदर जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को विभाग में मर्ज करने का आश्वासन दिया था। हर कैबिनेट बैठक से इन कर्मचारियों को उम्मीद रहती है, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लग रही है।
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पंचायत सचिव संघ के राज्य अध्यक्ष अमित जसरोटिया ने बताया कि सितंबर, 2022 से जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों का नियमितीकरण रोक दिया है तथा डीए भी फ्रीज कर दिया गया है। सरकार द्वारा विसंगतियों को दूर करने की बात कही गई थी, लेकिन अब तो कई और विसंगतियां सामने आ गई हैं। सरकार को उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए।