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Hockey World Cup 2023: भुवनेश्‍वर की अनोखी पहल ने हॉकी विश्‍व कप को बनाया विशेष

Hockey World Cup 2023 Bhuvneshwar पूरे भारत वर्ष की नजरें ओडिशा (Odhisha) राज्य की राजधानी भुवनेश्वर (Bhuvneshwar)पर टिकी हुई हैं जिसे लगातार दूसरे पुरुष हॉकी विश्व कप 2023 (Hockey World Cup 2023) का आयोजन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

By Jagran NewsEdited By: Priyanka JoshiUpdated: Tue, 17 Jan 2023 11:29 PM (IST)
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Hockey World Cup 2023, Bhuvneshwar (Photo-AP )

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्‍वर ने लगातार दूसरी बार पुरुष हॉकी विश्‍व कप की मेजबानी करके अंतरराष्‍ट्रीय ध्‍यान अपनी ओर आकर्षित किया है। हॉकी विश्‍व कप ने भारत की खेल राजधानी में शहर विस्‍तार रचनात्‍मकता ऊर्जा बनाई, इसने शहरी नवीनीकरण पहलों का मजबूत जवाब दिया। इसने शहर के आस-पास कम उपयोगी/ निष्‍क्रिय/ शहर के ईर्द-गिर्द खराब जगहों को उत्‍पादक और काम करने वाले केंद्रों में बदल दिया। इसने स्थिर स्‍थानों को सक्रिय जगहों में परिवर्तित किया।

Hockey World Cup 2023: Hockey World Cup 2023 के चलते बदल गई भुवनेश्वर की तस्वीर

इस साल हॉकी विश्व कप 2023 (Hockey World Cup 2023) के लिए भुवनेश्वर की लगभग 30 से अधिक जगहों का चयन किया है, जिन्हें दर्शकों के आगे एक खूबसूरत तरीके से दर्शाया गया है। इन जगहों की सड़कों से लेकर कॉमन पार्क तक सभी जगह को स्वच्छ भारत मिशन के तहते साफ किया गया है और वहां दर्शकों के जरूरत की सभी चीजों को उपलब्ध कराया गया है। खास बात तो यह है कि सड़क किनारे दीवारों पर खूबसूरत कलाकारी बनाई गई है, जिसमें भारत आने वाले उन सभी को देश की संस्कृति दिखाई गई है।

इस विश्व कप की वजह से ओडिशा के उन पिछड़े हुए क्षेत्रों में भी जागरूकता फैलाने में एक अहम रोल अदा किया है। इसके साथ ही ओडिशा के लोगों को टूर्नामेंट की वजह से वो सभी सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिनसे वह हमेशा वंचित हो जाते थे। जैसे कि साफ पानी, स्वच्छ्ता, बिजली।

ह़ॉकी विश्व कप (Hockey World Cup 2023) के संस्करण को सफल बनाने के लिए ओडिशा ललित कला अकादमी को कलाकारों के 28 समूहों के साथ जोड़ा गया था। लगभग 25kms और लगभग 15kms के लिए सड़क का परिदृश्य विकसित किया गया। बीएमसी के सहयोग से और ओडिशा खनन निगम से वित्त पोषण सहायता के साथ शहर द्वारा दो समर्पित मूर्तिकला शिविरों की मेजबानी की गई थी, जिसमें 51 शानदार मूर्तियों को तैयार किया गया था और पूरे भुवनेश्वर में विभिन्न स्थानों में उनकी थीम के आधार पर रणनीतिक रूप से रखा गया था। इस प्रकार कलाकृति और मूर्तियों का उपयोग किया गया।

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