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Paris Olympics 2024: कठिनाइयों का सामना करके हॉकी स्‍टार बने Manpreet Singh ने किया बड़ा एलान

भारतीय हॉकी टीम के स्‍टार मिडफील्‍डर मनप्रीत सिंह ने कहा कि पेरिस ओलंपिक उनका आखिरी ओलंपिक होगा। मनप्रीत सिंह उस टीम के कप्‍तान थे जिसने टोक्‍यो ओलंपिक में कांस्‍य पदक जीता था। मनप्रीत सिंह का करियर संघर्ष से भरा रहा है। मनप्रीत सिंह ने कहा कि वो आगामी ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन करना चाहेंगे। भारतीय टीम गोल्‍ड जीतना चाहेगी।

By Agency Edited By: Abhishek Nigam Updated: Thu, 11 Jul 2024 08:29 PM (IST)
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मनप्रीत सिंह ने कहा कि पेरिस ओलंपिक उनका आखिरी होगा
प्रेट्र, बेंगलुरु। अभावों में बीता बचपन, मां का बेहिसाब संघर्ष, करियर में झूठे आरोप सभी कुछ झेला है मनप्रीत सिंह ने, लेकिन कठिनाइयों की आग में तपकर कुंदन बना मीठापुर का यह हॉकी स्टार अब पेरिस में करियर का चौथा ओलं‍पिक खेलेगा, जो संभवत: उनका अंतिम ओलंपिक होगा।

टोक्यो ओलंपिक में 41 वर्ष बाद कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान रहे मनप्रीत ने कहा, ''बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने कभी सोचा नहीं था कि चार ओलंपिक खेल पाऊंगा। हर खिलाड़ी का सपना होता है कि ओलंपिक खेलना और पदक जीतना। मैं खुद को काफी खुशकिस्मत मानता हूं कि ये मेरा चौथा ओलंपिक है।''

मनप्रीत का सबसे बुरा दौर

मात्र 19 वर्ष की आयु में 2011 में भारत के लिए पदार्पण करने वाले इस अनुभवी मिडफील्डर ने कहा, ''मैं यह सोचकर जा रहा हूं कि ये मेरा आखिरी ओलंपिक है और मुझे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है।''

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ओलंपिक पदक जीतने के बाद हालांकि उन्होंने अपने करियर का सबसे बुरा दौर देखा, जब पूर्व कोच शोर्ड मारिन ने अपनी किताब में उन पर आरोप लगाया कि 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान उन्होंने एक युवा खिलाड़ी को जान बूझकर खराब खेलने के लिए कहा ताकि उनके दोस्त को टीम में जगह मिल सके।

मनप्रीत ने पहली बार उन आरोपों के बारे में खुलकर बात करते हुए कहा कि वह पूरी तरह टूट गए थे और उनका भरोसा हर किसी पर से उठ गया था हालांकि टीम ने उनका पूरा साथ दिया, जिसकी वजह से वह इससे उबर सके।

मां से मिला मनप्रीत को हौसला

उन्होंने कहा, ''मेरे लिए वह सबसे कठिन दौर था। मैं इस तरह की चीजों के बारे में कभी सोच भी नहीं सकता था। उस समय टीम ने मेरा साथ दिया और कहा कि हम तुम्हें जानते हैं और तुम्हारे साथ हैं। लेकिन मैं टूट गया था और हर चीज से विश्वास उठ गया था। मैंने श्रीजेश (पीआर) को बताया जिससे मैं सब कुछ साझा करता हूं। मेरी मां ने मुझे हौसला दिया कि अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए खेलते रहो और उस पल से मैंने उस प्रकरण को भुला दिया।''

एशियाई खेल 2014 और 2022 में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे मनप्रीत ने भारत के लिए 370 मैचों में 27 गोल दागे हैं।

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