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Olympics 2024 Hockey: मनप्रीत सिंह ने कही दिल की बात, 'हम फाइनल खेलना चाहते थे, लेकिन ब्रॉन्‍ज से भी खुश हैं'

भारतीय टीम के सीनियर खिलाड़ी मनप्रीत सिंह ने पेरिस ओलंपिक्‍स 2024 में ब्रॉन्‍ज मेडल जीतने पर खुशी जताई लेकिन उन्‍होंने साथ ही कहा कि वह फाइनल खेलना चाहते थे। भारतीय हॉकी टीम ने स्‍पेन को मात देकर ब्रॉन्‍ज मेडल जीता था। इससे पहले उसे सेमीफाइनल में जर्मनी के हाथों शिकस्‍त का सामना करना पड़ा था। मनप्रीत सिंह ने अपने मन की बातें बयां की।

By Jagran News Edited By: Abhishek Nigam Updated: Sat, 10 Aug 2024 09:52 PM (IST)
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मनप्रीत सिंह अपनी पत्‍नी और बेटी के साथ

प्रेट्र, नई दिल्ली। भारतीय हॉकी टीम के सीनियर खिलाड़ी मनप्रीत सिंह ने शनिवार को कहा कि ओलंपिक में स्वर्ण नहीं जीत पाना निराशाजनक था, लेकिन लगातार दूसरा कांस्य पदक भी बुरा नहीं है। आठ बार की ओलंपिक चैंपियन भारतीय टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी कांस्य पदक जीता। भारत ने अंतिम बार ओलंपिक में हॉकी का स्वर्ण 1980 में जीता था।

मनप्रीत ने कहा, ''बहुत अच्छा लग रहा है। पिछली बार हमने कांस्य जीता था और इस बार भी जीता। टीम फाइनल खेलने के इरादे से गई थी, लेकिन जीत नहीं सकी। लेकिन हमने कांस्य जीता और इतना प्यार पाकर अच्छा लग रहा है।''

मनप्रीत ने टीम की मानसिक दृढ़ता की भी प्रशंसा की जिसने ब्रिटेन के विरुद्ध क्वार्टर फाइनल में 42 मिनट तक 10 खिलाड़‍ियों के साथ खेलकर जीत दर्ज की।

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मनप्रीत ने कहा, ''हमें इस तरह के हालात में खेलने की ट्रेनिंग मिली थी। अगर किसी को ग्रीन या येलो कार्ड मिला है तो कैसे खेलना है, लेकिन हमें नहीं लगा था कि उन्हें रेड कार्ड मिलेगा। अमित रोहिदास की कोई गलती नहीं थी, लेकिन उन्हें रेड कार्ड मिला।''

उन्होंने कहा, ''टीम ने डिफेंस में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। हमने उन्हें अधिक अवसर नहीं दिए। पेनाल्टी कार्नर भी हमने बखूबी बचाए।''

अपना अंतिम टूर्नामेंट खेल चुके गोलकीपर पीआर श्रीजेश के बारे में उन्होंने कहा, ''श्रीजेश के बारे में क्या कहूं। उनके साथ 13 वर्ष बिताए हैं। वह मेरे सीनियर थे और मुझे गाइड किया। जब मैं कप्तान बना तब भी मेरा समर्थन किया। उन्होंने हमेशा मुझे प्रेरित किया है। वह दिग्गज हैं और मुझे उनकी कमी खलेगी क्योंकि मेरे लिए वह बड़े भाई जैसे हैं।''

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