Rani Rampal Retirement: भारतीय हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने लिया संन्यास, 16 साल के करियर को कहा अलविदा
Rani Rampal Retirement Hockey। भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने संन्यास का एलान कर दिया है। उन्होंने अपने 16 साल के हॉकी करियर को अलविदा कहा। रानी रामपाल ने खुलासा किया कि उनका सपना था कि वह भारत के लिए ओलंपिक पदक जीते। बता दें कि रानी की कप्तानी में भारत ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में चौथा स्थान हासिल किया था
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। Rani Rampal Retirement, Hockey। भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने संन्यास का एलान कर दिया है। उन्होंने अपने 16 साल के हॉकी करियर को अलविदा कहा। रानी रामपाल ने खुलासा किया कि उनका सपना था कि वह भारत के लिए ओलंपिक पदक जीते।
बता दें कि रानी की कप्तानी में भारत ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में चौथा स्थान हासिल किया था। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय महिला हॉकी टीम का बेस्ट प्रदर्शन था। उन्होंने टीम को जूनियर विश्व कप पदक, एशियाई कप जीतने में भी मदद की और यह उन प्रमुख कारणों में से एक था जिसकी वजह से भारत पहली बार बैक-टू-बैक ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर सका।
Rani Rampal ने हॉकी में अपने 16 साल के करियर को कहा अलविदा
दरअसल, रानी रामपाल की जर्नी 14 साल की उम्र से ही शुरू हो गई थी। उन्होंने साल 2008 में कजान, रूस में ओलंपिक क्वालिफायर में भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए मैदान में कदम रखा था। 15 साल की उम्र में 2010 विश्व कप में उन्होंने हिस्सा लिया था, जहां उन्होंने 7 गोल किए थे। इससे भारत को 1978 के बाद से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और विश्व रैंकिंग में 9वां स्थान प्राप्त हुआ था।
उन्होंने भारतीय टीम की कप्तानी की और टोक्यो ओलंपिक में भारत को ऐतिहासिक चौथे स्थान पर पहुंचने में मदद की। हरियाणा के शाहाबाद से आने वाली रानी की सफलता की कहानी संघर्षों से भरी है। उन्होंने प्रसिद्ध कोच बल्देव सिंह द्वारा संचालित अकादमी से प्ररेणा लेते हुए खुद को साबित किया।
Rani Rampal को हॉकी इंडिया ने 10 लाख रुपये दिए
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम पर भारत और जर्मनी पुरुष टीमों के बीच खेले गए मैच के बाद रानी रामपाल ने संन्यास का एलान किया। रानी के सम्मान में एक कार्यक्रम आयोजित रहा, जिसमें हॉकी इंडिया ने उन्हें 10 लाख रुपये से सम्मानित किया।
उन्होंने इस दौरान कहा कि लगभग 15 सालों तक भारतीय जर्सी पहनने के बाद अब मैदान से हटने और एक नई पारी की शुरुआत का समय आ गया है। हॉकी मेरे लिए पैशन, जीवन और सबसे बड़ा सम्मान रहा है। छोटे से शुरूआत से लेकर भारत का प्रतिनिधित्व करना एक अद्भुत जर्नी रही।बता दें कि रानी की कप्तानी में भारत ने साल 2017 में 13 सालों के बाद महिला एशिया कप जीता। वह पहली भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी भी बनीं, जिन्हें FIH महिला युवा खिलाड़ी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया।
अपने करियर में रानी ने कई पुरस्कार जीते, जिसमें 2016 में अर्जुन पुरस्कार, 2019 में विश्व खेलों का एथलीट, और 2020 में राजीव गांधी खेल रत्न और पद्म श्री शामिल हैं।यह भी पढ़ें: IND vs GER: भारत ने 5-3 से जीता दूसरा मैच, जर्मनी ने शूटआउट के जरिए जीती सीरीज
उन्होंने आगे कहा कि भारत के लिए खेलना बहुत मान्यता लाता है, लेकिन मेरे लिए सबसे खास पल वो हैं जो मैंने टीम के साथ ट्रेनिंग करते हुए बिताए। टोक्यो ओलंपिक्स में हमारी एकता ने हमें कठिन मैचों में जीत दिलाई। मुझे पूरा विश्वास है कि भारतीय महिला हॉकी टीम भविष्य में बहुत कुछ हासिल करेगी।
Rani Rampal ने बताया अपना फ्यूचर प्लान
रानी रामपाल हॉकी से संन्यास लेने के बाद दिसंबर में सोरमा हॉकी क्लब में महिला मेंटर और कोच के रूप में काम करेगी। उन्होंने पहले ही भारतीय उप-जूनियर लड़कियों की टीम के मुख्य कोच के रूप में काम किया है और हाल ही में FIH शिक्षकों कॉर्स में हिस्सा लिया था। रानी ने साथ ही अपने सभी साथी खिलाड़ियों, कोचों और फैंस का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भले ही मैं अब खेल नहीं रही, लेकिन मेरा खेल के प्रति प्यार जारी रहेगा। मैं नए मौकों का इंतजार कर रही हूं और उस खेल को वापस देना चाहती हूं जिसने मुझे इतना कुछ दिया।An era of excellence comes to an end! 🇮🇳🏑
Today, we bid farewell to the one and only Rani Rampal, an icon who has defined Indian hockey for over a decade. From leading India to countless victories to being an inspiration for aspiring athletes across the country, Rani’s legacy… pic.twitter.com/TRer76L8Li
— Hockey India (@TheHockeyIndia) October 24, 2024