के बाद हमारे देश में कैसे होती है

देश में 18वीं लोकसभा के लिए सात चरणों में चुनाव संपन्न हो चुके हैं। इसी के साथ 97 करोड़ मतदाताओं ने 543 लोकसभा सीटों पर चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशियों के भाग्‍य का फैसला कर दिया है, लेकिन यह फैसला 4 जून 2024 को सुनाया जाएगा। यानी कि चुनाव परिणाम 4 जून को आएगा।

ऐसे में हम सभी के मन में सवाल आता है कि इतनी बड़ी संख्या में वोटों की गिनती कौन करता है और कैसे होती है? मतगणना का समय क्या है? इसके नियम क्‍या हैं? मतगणना क्षेत्र के आसपास कुछ गड़बड़ी नजर आए, तो क्या करना चाहिए? अगर आपकी शिकायत पर एक्शन नहीं हो, तो क्या करना चाहिए? ऐसे ही कई सवालों के जवाब यहां पढ़िए...

इतनी बड़ी संख्या में वोटों की गिनती कौन करता है?

चुनाव आयोग (ECI) की ओर से रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति की जाती है, जिनका काम पारदर्शिता के साथ बिना किसी बाधा के मतगणना कराना होता है। लोकसभा चुनाव में वोटों की गिनती रिटर्निंग ऑफिसर (RO) और सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (AROS) की देखरेख में किसी बड़े हॉल में होती है। इनके अलावा, चुनाव आयोग की ओर से एक वरिष्‍ठ अधिकारी को पर्यवेक्षक के तौर पर तैनात किया जाता है।

वोटों की गिनती शुरू करने से पहले रिटर्निंग ऑफिसर और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर मतों की गोपनीयता बनाए रखने की शपथ लेंगे। मतगणना शुरू होने से पहले जोर-जोर से बोलकर शपथ लेते हैं।

वोटों की गिनती कब शुरू होती है और कैसे होती है?

चुनाव आयोग के मुताबिक, मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होती है। हालांकि, किसी विशेष परिस्थिति में समय में बदलाव भी किया जा सकता है। सबसे पहले बैलेट पेपर और इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम ( ETPBS) के जरिए डाले गए वोटों की गणना होती है।

आमतौर पर बैलेट पेपर व ईटीपीबीएस के जरिए चुनाव ड्यूटी में तैनात सरकारी कर्मचारी, सैनिक, देश के बाहर सेवारत सरकारी अधिकारी, बुजुर्ग मतदाता व प्रिवेंटिव डिटेंशन में रहने वाले लोग मतदान करते हैं। इन वोटों को गिनने में करीब आधे घंटे का समय लग जाता है।

सुबह 8-30 बजे के बाद सभी टेबलों पर एक साथ EVM के वोटों की गिनती शुरू होती है। हॉल में एक राउंड में 14 ईवीएम के वोटों की गिनती की जाती है।

मतगणना केंद्र पर मौजूद रिटर्निंग ऑफिसर प्रत्येक राउंड की गिनती के बाद रिजल्ट का एलान करते हैं। साथ ही इसे चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी अपडेट किया जाता है। मतों की गिनती का पहला रुझान सुबह 9 बजे से आना शुरू हो जाएगा।

मतगणना को लेकर क्‍या नियम हैं?

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 128 और 129 के अनुसार...

  • लोकसभा चुनाव में मतगणना से संबंधित सभी जानकारी को गोपनीय रखना बेहद जरूरी है।
  • कौन-से अधिकारी किस लोकसभा सीट की और कितने नंबर की टेबल पर गणना करेंगे, यह पहले से नहीं बताया जाता है।
  • मतगणना वाले दिन सुबह 6 बजे तक हर हाल में सभी अधिकारियों को वोट काउंटिंग सेंटर पहुंचना होता है।
  • जिले के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और मतगणना केंद्र के रिटर्निंग ऑफिसर रैंडम तरीके से सुपरवाइजर व कर्मचारी को हॉल और टेबल नंबर अलॉट करते हैं।
  • मतगणना हॉल में काउंटिंग के लिए 14 टेबल और एक टेबल रिटर्निंग ऑफिसर के लिए लगती है।
  • मतगणना हॉल में 15 से ज्यादा टेबल लगाने का नियम नहीं है। हालांकि, विशेष परिस्थिति में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर टेबल की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

मतगणना केंद्र के अंदर कौन-कौन रहता है?

  • रिटर्निंग ऑफिसर और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर।
  • काउंटिंग सुपरवाइजर और काउंटिंग असिस्‍टेंट।
  • चुनाव आयोग की ओर से अधिकृत सरकारी अधिकारी (पर्यवेक्षक)।
  • मतगणना केंद्र में ड्यूटी पर लगाए गए सरकारी अधिकारी।
  • उम्‍मीदवार, उनके इलेक्शन एजेंट और काउंटिंग एजेंट।

(नोट: सभी के पास अपना आईडी कार्ड होना जरूरी है, वरना एंट्री नहीं मिलेगी।)

मतगणना केंद्र में कौन नहीं जा सकता है?

  • जब तक रिटर्निंग ऑफिसर नहीं बुलाते, तब तक पुलिसकर्मी नहीं जा सकते।
  • अगर उम्‍मीदवार नहीं हैं तो केंद्रीय व राज्‍य के मंत्री नहीं जा सकते।
  • इलेक्‍शन एजेंट और काउंटिंग एजेंट कानूनी प्रक्रिया पूरी किए बिना अंदर नहीं जा सकते।

प्रत्याशियों के कितने एजेंट हॉल में उपस्थित रह सकते हैं?

काउंटिंग के दौरान सभी 14 टेबल पर हर उम्मीदवार की ओर से एक-एक एजेंट मौजूद होता है। इसके अलावा, एक एजेंट रिटर्निंग ऑफिसर की टेबल के पास बैठता है। यानी कि किसी भी उम्मीदवार की ओर से कुल 15 एजेंट ही एक मतगणना हॉल में मौजूद रह सकते हैं। बता दे कि टेबल की संख्या बढ़ाए जाने पर एजेंटों की संख्या भी बढ़ जाएगी।

उम्मीदवारों के एजेंटों का चयन कौन करता है?

उम्मीदवार अपने एजेंट खुद चुनता है। फिर स्‍थानीय निर्वाचन अधिकारी से उन नामों को मंजूरी करवाता है। निर्वाचन संचालन अधिनियम 1961 के प्रारूप- 18 में इस तरह की नियुक्ति का जिक्र किया गया है। बता दें कि काउंटिंग एजेंटों की लिस्ट नाम और फोटो के साथ मतगणना की तारीख से तीन दिन पहले जारी की जाती है।

मतगणना के दौरान हॉल के अंदर किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए क्‍या नियम हैं?

  • मतगणना में शामिल सभी लोगों को कड़ी जांच प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही काउंटिंग हॉल में प्रवेश मिलता है।
  • काउंटिंग ड्यूटी में लगे कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों के अलावा किसी को भी हॉल में मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं होती है।
  • वोटों की गिनती के दौरान रिटर्निंग अधिकारी किसी भी एजेंट की तलाशी ले सकते हैं।
  • हर प्रत्याशी के एजेंट को एक जैसे बैज दिए जाते हैं, ताकि दूर से देखकर ही पता चल सके कि वो किस उम्मीदवार के एजेंट हैं।
  • मतगणना हॉल में आने के बाद एजेंट को गिनती खत्म होने तक बाहर जाने की अनुमति नहीं होती है।
  • हॉल के पास ही पीने का पानी, भोजन और टॉयलेट आदि जरूरी व्यवस्था रहती है।
  • अगर कोई व्यक्ति निर्देश नहीं मान रहा है, तो रिटर्निंग ऑफिसर उसे हॉल से बाहर कर सकते हैं।
  • काउंटिंग हॉल में मौजूद चुनाव आयोग के अधिकारी हर राउंड की गिनती के बाद रेंडम किसी दो टेबल के वोटों का मिलान करते हैं।
  • जब परिणाम का सही से मिलान हो जाता है तभी नतीजे चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपडेट किए जाते हैं।

मतगणना में गड़बड़ी होने पर कहां कर सकते हैं शिकायत?

काउंटिंग के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी की शिकायत सबसे पहले हॉल में मौजूद रिटर्निंग ऑफिसर से करें। अगर रिटर्निंग ऑफिसर आपकी शिकायत पर एक्शन नहीं लेते हैं, तो फिर जिला निर्वाचन अधिकारी के पास फोन-मेल, लिखित या फैक्स के जरिए शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा इलेक्शन कमीशन से भी सीधे शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए दिल्‍ली स्थित आयोग के दफ्तर में एक कंट्रोल रूम भी बना है, जहां शिकायत कर सकते हैं।

गड़बड़ी होने पर इन विकल्पों पर शिकायत कर सकते हैं...

  • टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर : 1800111950 और 1950
  • ईमेल आईडी: complaints@eci.gov.in
  • फैक्‍स नंबर : 23052219, 23052162/63/19
  • कंट्रोल रूम नंबर: 23052220, 23052221

क्‍या कुछ दिन बाद में भी की जा सकती है शिकायत?

नहीं। गड़बड़ी की आशंका होने पर आपको तुरंत शिकायत करनी होगी। चुनाव आयोग ने इसके लिए 24 घंटे का समय दिया है। उदाहरण के लिए 4 जून सुबह 8 बजे से मतगणना होगी। आप 5 जून सुबह 8 बजे तक ही शिकायत कर सकते हैं। चुनाव परिणाम आने के बाद आप चुनाव आयोग में शिकायत नहीं कर सकते हैं। फिर सिर्फ अदालत में ही चुनौती दे सकते हैं।

मतगणना में गड़बड़ी के दोषी पाए जाने पर क्‍या होगा?

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 136 के तहत काउंटिंग में गड़बड़ी करने वाला सरकारी अधिकारी अथवा कर्मचारी हो या फिर नागरिक दोनों के लिए सजा का प्रावधान है। दोषी पाए जाने पर 6 महीने से दो साल तक की जेल अथवा जुर्माना लगेगा या फिर जेल या जुर्माना दोनों हो सकता है।

अगर उम्मीदवार नतीजे से संतुष्ट नहीं हैं तो रिकाउंटिंग कैसे करा सकता है?

मतगणना हॉल में जब रिजल्‍ट का एलान किया जाता है और अगर कोई उम्मीदवार नतीजे से संतुष्ट नहीं हैं तो वह रिटर्निंग ऑफिसर को लिखित आवेदन देकर पुनर्मतगणना (रिकाउंटिंग ) की मांग कर सकता है। उम्मीदवार को आवेदन में वे सभी तथ्‍य बताने होंगे, जिनके आधार पर वह रिजल्ट से असंतुष्ट है। इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर कारकों की जांच करेगा और अगर लगाए गए आरोप सही पाए गए, तो दोबारा काउंटिंग कराई जाएगी।

मतगणना के बाद जीतने वाले प्रत्याशी को प्रमाण पत्र कौन देता है?

जिला निर्वाचन अधिकारी जीतने वाले प्रत्याशी को प्रमाण देते हैं ।

विजेता प्रत्याशी को जिला निर्वाचन अधिकारी प्रमाण पत्र देता है। यह तस्वीर सूरत लोकसभा सीट से निर्विरोध निर्वाचित प्रत्याशी मुकेश दलाल का है, जिन्हें जिला निर्वाचन अधिकारी प्रमाण पत्र दे रहे हैं।

Credits:

Ideation: Anil Pandey
Developer: Amit Kumar Pal
UI/UX: Monami Hazarika