J&K Weather: जम्मू में 24 घंटे में 190 MM वर्षा, तबाही के बीच स्कूल बंद; भारी बारिश और बादल फटने की चेतावनी
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। जम्मू शहर में 190.4 मिमी बारिश दर्ज की गई जो 1926 के बाद सबसे अधिक है। कई सड़कें और कॉलोनियां जलमग्न हो गईं जिससे लोगों को परेशानी हुई। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में भारी वर्षा और बादल फटने की चेतावनी दी है। सरकार ने स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है।
जागरण टीम, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में रविवार को भारी वर्षा से कई शहरों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। जम्मू शहर में 190.4 मिलीमीटर (मिमी) वर्षा दर्ज की गई, जो पांच अगस्त 1926 के बाद अब तक की सबसे अधिक है। तब करीब 226 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। अगस्त माह में इससे पूर्व 11 अगस्त 2022 को 189.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी।
लगभग एक सदी बाद हुई मूसलधार वर्षा ने सभी को डरा दिया है। जम्मू शहर की ज्यादातर सड़कों और कालोिनयों में कई-कई फीट पानी भर गया। इसके अलावा प्रदेश में करीब एक दर्जन से अधिक मार्ग प्रभावित हुए। कई कच्चे घर भी ढह गए। जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर कठुआ के पास पुल की एक लेन धंस गई और यातायात ठप हो गया। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर यातायात सुचारु रहा।
बादल फटने की चेतावनी
मौसम विभाग ने 48 घंटे में भारी वर्षा व बादल फटने की चेतावनी दी है। सरकार ने स्कूलों में सोमवार को छुट्टी घोषित कर दी है। अगस्त में ही किश्तवाड़ और कठुआ में बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं।
इसमें 75 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। तड़के से हुई वर्षा ने जम्मू शहर को संकट में डाल दिया। जलभराव के कारण लोग चुनौती से जूझते रहे।
जम्मू में इंडियन इंस्टीट्यूट आफ इंटीग्रेटिव मेडिसन (आइआइआइएम) हास्टल में छात्रों को निकालने के लिए नाव का उपयोग करना पड़ा। बाहरी क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण स्थिति और विकट हो गई।
दो दिन भारी वर्षा की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार 26 अगस्त तक जम्मू, रियासी, ऊधमपुर, सांबा, कठुआ और राजौरी में कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। पुंछ, रामबन, डोडा, किश्तवाड़ और कश्मीर के दक्षिणी हिस्सों में तीव्र बौछारें पड़ सकती हैं। 27 से 31 अगस्त तक मौसम उमसभरा रहेगा। एक से पांच सितंबर तक भी मौसम गर्म बने रहने की संभावना है।
आईआईएम हॉस्टल में चार फीट पानी
जम्मू के केनाल रोड में आइआइआइएम हास्टल में जलभराव होने से करीब 50 छात्र फंस कर गए। बहुमंजिला हास्टल में चार फीट पानी चढ़ने के कारण कुछ छात्र जान बचाने को दूसरी मंजिल पर जा चढ़े तो कुछ छत पर चले गए। कई छात्र सामान निकालने के चक्कर में पानी में फंस गए।
एसडीआरएफ की टीम ने राहत कार्य शुरू किया। नावों के जरिये छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला। जम्मू बस स्टैंड के एग्जिट गेट के पास पुलिया धंसने और तवी पुल से सटे मंदिर के पास जमीन धंसने से आठ फीट का गड्ढा बन गया। पंजतीर्थी को सिद्धड़ा से जोड़ने वाले मार्ग पर सुबह पहाड़ से मलबा गिरा।
ऊधमपुर, रियासी में भी जलभराव
ऊधमपुर, रियासी और पुंछ में लोगों के घरों और दुकानों में पानी घुसा। कई जगह यातायात प्रभावित रहा। रियासी में अंजी नदी का जलस्तर बढ़ने से यातायात बंद करना पड़ा। पुंछ में नाले में जलस्तर बढ़ गया, जिससे दो दर्जन से अधिक परिवारों को घर छोड़कर मस्जिद में शरण लेनी पड़ी।
डोडा प्रशासन ने चंबा और मरमत सड़क पर आवाजाही बंद कर दी। पुंछ-राजौरी को कश्मीर से जोड़ने वाला मुगल रोड़, किश्तवाड़ को अनंतनाग से जोड़ने वाला सिंथन मार्ग भूस्खलन के कारण बंद रहा।
कश्मीर में महिला की मौत, 29 घायल
कश्मीर में भी कमोबेश यही स्थिति रही और कुपवाड़ा में एक इमारत गिरने से एक महिला की मौत हो गई और 29 घायल हो गईं। कश्मीर में कई जगह वर्षा से संपर्क मार्ग अवरुद्ध रहे। वहीं सरकार ने नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अधिकारियों को सतर्कता बरतने के आदेश िदए। नदी-नाले खतरे के निशान के आसपास बह रहे हैं। प्रशासन ने हिदायत जारी की है नदी-नाले के आसपास न जाने की सलाह दी है। साथ ही अधिकारियों को जलस्रोतों के जलस्तर पर नजर रखने को कहा गया है।
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