कारगिल पुलिस ने सुलझाई 26 साल पुरानी मर्डर मिस्ट्री, 2.40 लाख के लिए हुई थी हत्या; ग्लेशियर में दबा दिए थे शव
कारगिल पुलिस ने 26 साल पुराने मर्डर के केस को सुलझा लिया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को कठुआ जिले के हीरानगर से गिरफ्तार किया है। 1998 में कारगिल से किश्तवाड़ के वाडवान इलाके के लिए निकले चार लोगों की हत्या कर दी गई थी। हत्यारों ने उनके पास से 2.40 लाख रूपये लूट लिए थे। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। कारगिल पुलिस ने 26 साल पहले हुए चौहरे हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले को सुलझा लिया है। कारगिल पुलिस ने हत्या के आरोपियों को कठुआ जिले के हीरानगर से गिरफ्तार किया है। अक्टूबर 1998 में कारगिल से किश्तवाड़ के वाडवान इलाके के लिए निकले चार लोगों की जिले के कनीताल ग्लेशियर के पास हत्या कर दी गई थी।
हत्या करने वाले तीन बक्करवालों ने उनके पास से 2.40 लाख रूपये लूट लिए थे। 16 अगस्त 1998 में हत्या करने के बाद हत्यारों ने दो लोगों को ग्लेशियर में दफना दिया था जबकि दो के शवों को नदी में फैंक दिया गया था। इसके बाद तीन हत्या आरोपियों ने 80-80 हजार रूपये आपस में बांट लिए थे।
पशु खरीदने वाडवान जा रहे थे चारों शख्स
मृतक मोहम्मद अली व कारघी के हाजी अनायत अली कसाई का काम करते थे व अन्य दो उनके सहयोगी थे। चारों के शवों का निपटारा करने के बाद हत्यारे वहां से निकल गए थे। किसी को यह अंदेशा नही था कि चारों को मौत के घाट उतार दिया गया है।ऐसे में कई दिनों तक इंतजार करने के बाद सात अक्टूबर को कारगिल के तंगोले के बशीर अहमद ने रिपोर्ट लिखवाई थी कि उसका भाई मोहम्मद अली अपने तीन साथियों कारघी के हाजी अनायत अली, कठुआ के शेरो अली व नजीर अहमद के साथ लापता हो गया है। वे पशु खरीदने के लिए वाडवान जा रहे थे।
पुलिस ने 2007 में बंद कर दिया था मामला
कारगिल पुलिस ने लापता लोगों का पता लगाने का अभियान छेड़ दिया था। पुलिस ने 25 अप्रैल, 1999 को जम्मू के खटीकां तालाब से कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया था। सबूतों की कमी के कारण उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया व जांच रुक गई। जांच आगे न बढ़ पाने के कारण वर्ष 2007 में मामले को बंद कर दिया गया था।सितंबर 2011 में कनीताल के पास कंकालों के अवशेष पाए गए। पुलिस द्वारा डीएनए टेस्ट करवाने के बाद पुष्टि हुई कि ये अवशेष नज़ीर अहमद व शेरो अली के थे। इसके बाद वर्ष 2012 में अदालत के आदेश पर इस मामले में नए सिरे से जांच शुरू हो गई।
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