Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Jammu News: 25 जुलाई से शुरू होगी 43 दिवसीय मचैल माता यात्रा, तीर्थयात्रियों को मिलेंगी ये खास सुविधाएं

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में मचैल माता यात्रा 25 जुलाई से शुरू होगी। ये यात्रा 43 दिवसीय होगी। वहीं तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। मचैल-पद्दाप सड़क के चशोती तक सड़क निर्माण के बाद ये कठिन यात्रा तीन घंटे कम हो गई है। इसके साथ ही प्रशासन ने इस बार तीर्थयात्रियों के लिए कार्ड की भी सुविधा रखी है।

By Agency Edited By: Deepak Saxena Updated: Mon, 15 Jul 2024 05:20 PM (IST)
Hero Image
किश्तवाड़ में मचैल माता यात्रा 25 जुलाई शुरू (फाइल फोटो)।

पीटीआई, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में 43 दिवसीय श्री मचैल माता यात्रा 25 जुलाई से शुरू होगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने तीर्थ यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं और बढ़ी हुई सुरक्षा का आश्वासन दिया।

किश्तवाड़ के उपायुक्त देवांश यादव ने बताया कि मचैल-पद्दार सड़क के चशोती तक पूरा होने से मंदिर की सात घंटे लंबी कठिन यात्रा पहले ही तीन घंटे कम हो गई है, जबकि विभिन्न स्थानों पर क्षमता बढ़ाकर पांच हजार तीर्थयात्री प्रतिदिन कर दी गई है।

तीर्थयात्रियों के लिए शुरू हुई कार्ड सुविधा

उन्होंने कहा कि इस साल की यात्रा का मुख्य आकर्षण उनकी सुरक्षा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण और क्यूआर-कोड-आधारित विशेष तीर्थयात्री कार्ड की शुरुआत होगी।

सड़क बन जाने से यात्रा का समय तीन घंटे हुआ कम

कई क्षेत्रों में चट्टानी हिस्सों के कारण चशोती तक सड़क का निर्माण चुनौतीपूर्ण था। हालांकि, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) अधिकारियों के समर्पित प्रयासों से यह संभव हो पाया है। इस सड़क के बन जाने से तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा का समय तीन घंटे कम हो गया है।

नीलम की खदानों चलते भी फेमस है मंदिर

उन्होंने कहा कि इससे पहले तीर्थयात्रियों को पद्दार घाटी में 9,705 फुट ऊंचे मंदिर तक पहुंचने के लिए छह-सात घंटे पैदल चलना पड़ता था। यह मंदिर नीलम की खदानों के लिए भी प्रसिद्ध है।

उन्होंने कहा कि आधार शिविर गुलाबगढ़ में यात्री निवास और मंदिर के रास्ते में पड़ने वाले अन्य स्थानों की क्षमता बढ़ाकर पांच हजार तीर्थयात्रियों को प्रतिदिन समायोजित किया गया है।

ये भी पढ़ें: Amarnath Yatra 2024: अमरनाथ धाम के लिए श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह, 18वें जत्थे में इतने भक्त हुए रवाना

वार्षिक तीर्थयात्रा के साथ ही शुरू हुई हेलीकॉप्टर सेवा

उन्होंने कहा कि वार्षिक तीर्थयात्रा की शुरुआत के साथ ही हेलीकॉप्टर सेवा भी शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सड़क किनारे सुविधाएं, लंगर व्यवस्था, मोबाइल कनेक्टिविटी, यातायात प्रबंधन, बिजली, पेयजल और चिकित्सा सुविधाओं का ध्यान रखा गया है और पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्र की सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है।

उन्होंने कहा कि मचैल माता यात्रा का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है और यह देश भर के श्रद्धालुओं के लिए तीर्थस्थल है।

ये भी पढ़ें: Bhagwati Devi Temple: अनंतनाग के इस मंदिर को आतंकियों ने लगा दी थी आग, अब 34 साल बाद खुले कपाट; जानिए पूरा इतिहास

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर