Move to Jagran APP

जम्मू-कश्मीर में पांच सालों में हुई 579 आतंकी घटनाएं, मारे गए 818 आतंकवादी; विपक्ष के सवालों पर राज्यसभा में बोले नित्यानंद राय

जम्मू-कश्मीर के मामले में विपक्षों के सवालों पर जवाब देते हुए राज्यसभा में नित्यानंद राय ने कहा कि सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है और जम्मू -कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है। साल 2019 से 2023 तक जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं की संख्या 579 हुई हैं। जबकि इस अवधि के दौरान 818 आतंकवादी मारे गए हैं।

By Jagran News Edited By: Deepak Saxena Updated: Wed, 07 Feb 2024 03:10 PM (IST)
Hero Image
विपक्ष के सवालों पर राज्यसभा में बोले नित्यानंद राय।
डिजिटल डेस्क, जम्मू। राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर के गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है। इसको लेकर उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए जवाब दिया।

लद्दाख में नहीं हुई कोई भी आतंकी घटना

राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि साल 2019 से 2023 तक जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं की संख्या 579 हुई हैं, जबकि इसी अवधि के दौरान 818 आतंकवादी मारे गए और इसी समय 247 सुरक्षाकर्मियों ने अपना बलिदान दिया। 2019 से 2023 तक केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कोई आतंकवादी घटना दर्ज नहीं की गई।

ये भी पढ़ें: लद्दाख के मुद्दों पर दिल्ली में नित्यानंद राय की अध्यक्षता में इस दिन होगी बैठक, दोनों संगठनों के प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा

साल 2019 से 2023 तक हुआ 5656.78 करोड़ का निवेश

इसके साथ ही नित्यानंद राय ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, साल 2019 से दिसंबर 2023 तक जम्मू और कश्मीर में 5656.78 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, राशि का निवेश केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 2019 से दिसंबर 2023 तक 210.91 करोड़ रुपये का हैं।

आर्टिकल 370 के निरस्त होने पर बोले नित्यानंद राय

आर्टिकल 370 के निरस्त होने से पहले पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के निवासी कई महत्वपूर्ण प्रगतिशील केंद्रीय कानूनों के लाभों से वंचित थे। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और भारत के संविधान के सभी प्रावधानों को लागू करने के बाद, केंद्रीय कानून जो पहले जम्मू और कश्मीर के पूर्ववर्ती राज्य पर लागू नहीं थे, उन्हें लागू किया गया और जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में लागू किया गया।

आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए ये सुधार

आर्टिकल 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए सुधारों का जिक्र करते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि सभी प्रगतिशील कानून जैसे कि बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्वास में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013, अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989, व्हिसल ब्लोअर्स संरक्षण अधिनियम 2014, किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग अधिनियम, 1993 आदि को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर तक विस्तारित किया गया है। अब क्षेत्र के निवासी उन अधिकारों का आनंद ले रहे हैं जो देश के अन्य हिस्सों में नागरिकों को उपलब्ध हैं।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।