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तूफान प्राकृतिक आपदा घोषित

By Edited By: Updated: Thu, 19 Apr 2012 01:31 AM (IST)
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जम्मू, जागरण ब्यूरो

राज्य कैबिनेट ने बुधवार को 20 व 21 मार्च 2012 को जम्मू-कश्मीर में आए तूफान को चक्रवात और प्राकृतिक आपदा करार देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इससे तूफान से प्रभावित लोगों को राष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा कोष से मुआवजा प्रदान करने का मार्ग भी प्रशस्त हो गया। इसके अलावा विभिन्न सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में छह नए पदों व एएमटी स्कूल श्रीनगर व जम्मू में तीन नए पदों के सृजन और दो पदों की समाप्ति के प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिल गई है।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य वन विभाग में छह वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले व नियुक्तियों पर भी मुहर लगी। राज्य वन संरक्षण बल (एफपीएफ) के निदेशक विनोद रंजन को प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर फारेस्ट नियुक्त किया गया। विनोद रंजन के स्थान पर मुहम्मद शफीक खान को निदेशक एफपीएफ बनाया गया है।

रवि कुमार केसर को एससी शर्मा के स्थान पर चीफ कंजर्वेटर जम्मू नियुक्त किया गया है, जबकि केसर के स्थान पर अब सुरेश चुग को निदेशक इकोलॉजी एनवायरमेंट एंड रिमोट सेंसिंग बनाया गया है। चीफ कंजर्वेटर फारेस्ट, इको टूरिज्म दीपक खन्ना को मौजूदा पद से निदेशक राज्य वन अनुसंधान संस्थान के पद पर स्थानांतरित किया गया है। कश्मीर के क्षेत्रीय वन्य जीव वार्डन हफीजुल्ला सिद्दीक को मुहम्मद शफीक खान के स्थान पर निदेशक सामाजिक वानिकी विभाग नियुक्त किया गया है।

वन विभाग में तबादलों के प्रस्ताव को हरी झंडी देने के साथ ही राज्य कैबिनेट ने 20 व 21 मार्च को कश्मीर संभाग समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में आए भीषण तूफान को चक्रवात व प्राकृतिक आपदा करार देने के प्रस्ताव को भी मंजूर किया।

बैठक में जम्मू व श्रीनगर में स्थित सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में विभिन्न संकायों में लेक्चरार के छह पदों के सृजन के अलावा एएमटी स्कूल जम्मू में सिस्टर ट्यूटर के दो पदों को घटाते हुए सीनियर सिस्टर ट्यूटर के दो नए पद और एएमटी स्कूल श्रीनगर में प्रिंसिपल ट्यूटर के एक पद के सृजन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।

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कितना हुआ था नुकसान :

मार्च महीने में कश्मीर समेत पूरे राज्य में आए तूफान में अरबों के नुकसान की आशंका जताई गई थी। इस तूफान में दस हजार से ज्यादा मकानों, छह सरकारी इमारतों व दस हाउस बोट को नुकसान पहुंचा था। सैकड़ों पेड़ व बिजली के खंभे उखड़ गए थे। हवाई व दूरसंचार सेवा प्रभावित हो गई थी। इसमें एक की मौत व 17 लोग घायल हो गए थे। डल झील में फंसे सैकड़ों पर्यटकों को भी बचाया गया था। जम्मू, कठुआ, ऊधमुपर में भी आंधी से नुकसान पहुंचा था।

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