Jammu Kashmir: मेक इन इंडिया की तर्ज पर प्रदेश में चलाई जाएगी मुहिम, व्यापार बढ़ाने के लिए निवेशकों की बढ़ाई जाएगी रुचि
जम्मू-कश्मीर में अब प्रशासन ने निवेशकों की रुचि को बढ़ाने के लिए मेक इन जम्मू एंड कश्मीर अभियान चलाने का फैसला लिया है। इसको लेकर एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लाभजनक निवेश की पूरी संभावना है। मेक इन जम्मू-कश्मीर प्रदेश में औद्योगिक-आर्थिक विकास को एक नई गति देगा। जम्मू-कश्मीर में बीते पांच वर्ष में औद्योगिक निवेश में लगभग 86 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
नवीन नवाज, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में देश-विदेश के निवेशकों की बढ़ती रुचि से उत्साहित प्रदेश प्रशासन ने अब मेक इन जम्मू एंड कश्मीर अभियान चलाने का फैसला किया है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रदेश में 46 नए औद्योगिक संपदा क्षेत्रों को विकसित करने के अलावा निवेशकों और उद्योगपतियों को कुछ विशेष सुविधाएं भी प्रदान करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024-25 के दौरान जम्मू-कश्मीर मे औद्योगिक विकास के लिए 400 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का प्रस्ताव है।
पांच अगस्त 2019 के बाद से जनवरी 2024 के अंत तक जम्मू-कश्मीर में 90182 करोड़ रूपये के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और इनमें 12 हजार करोड़ रूपये से अधिक का औद्योगिक निवेश या तो जमीनी स्तर पर वास्तविकता बन चुका है या फिर उससे संबधित परियोजनाओं पर काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मेक इन इंडिया पर चलेगा मेक इन जम्मू-कश्मीर
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बीते दिनों प्रदेश में बढ़ते निवेश से उत्साहित होकर मेक इन इंडिया की तर्ज पर मेक इन जम्मू-कश्मीर अभियान चलाने का संबधित प्रशासन को निर्देश दिया है। उपराज्यपाल ने सभी संबधित पक्षों से विचार विमर्श के बाद इस संदर्भ में एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न भागों की भौगोलिक परिस्थितियों और क्षेत्र विशेष में उपलब्ध संसाधनों के अनुरूप इस अभियान की योजना तैयार करने पर जोर दिया है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लाभजनक निवेश की पूरी संभावना है। मेक इन जम्मू-कश्मीर प्रदेश में औद्योगिक-आर्थिक विकास को एक नई गति देगा, इसके लिए 46 नए औद्योगिक संपदा क्षेत्र भी विकसित किए जा रहे हैं।
औद्योगित निवेश में हुई 86 फीसदी की बढ़ोतरी: एलजी
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अनुसार, खाद्य संवर्धन , रेडीमेड कपड़ा उद्योग और औषधी निर्माण समेत विभिन्न प्रकार के उत्पादों की इकाइयां जम्मू-कश्मीर के लगभग हर जिले में स्थापित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि अब रेल नेटवर्क का विस्तार नियंत्रण रेखा तक होने जा रहा है इसलिए बाहर से कच्चे माल के आयात और यहां से तैयार माल के निर्यात में भी सुविधा हो जाएगी। जम्मू-कश्मीर में एक सूचना प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर का बड़ा केंद्र बनने लायक सभी सुविधाएं हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बीते पांच वर्ष में औद्योगिक निवेश में लगभग 86 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
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