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Meerpur Balidan Diwas 2021 : 370 हटाने के बाद अब गुलाम कश्मीर को वापस लेना हमारा अगला एजेंडा : डा. जितेन्द्र

डा. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की हिम्मत रखने वाली मोदी सरकार गुलाम कश्मीर को पाकिस्तान के अवैध कब्जे से छुड़ाने की हिम्मत भी रखती है। वह रविवार को दिल्ली में मीरपुर बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में विचार व्यक्त कर रहे थे।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Updated: Sun, 21 Nov 2021 08:08 PM (IST)
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डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि गुलाम कश्मीर को लेना राजनीतिक एजेंडा ही नहीं, राष्ट्रीय एजेंडा भी है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि 370 हटाने के बाद अब पाकिस्तान से गुलाम कश्मीर को वापस लेना हमारा एजेंडा है। डा. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की हिम्मत रखने वाली मोदी सरकार गुलाम कश्मीर को पाकिस्तान के अवैध कब्जे से छुड़ाने की हिम्मत भी रखती है। वह रविवार को दिल्ली में मीरपुर बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में विचार व्यक्त कर रहे थे। डा. सिंंह ने कहा कि पहले यह कहा जाता था कि मोदी सरकार जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को कभी कटा नहीं सकती। यह लक्ष्य हासिल करने के बाद अब हम गुलाम कश्मीर को वापस लेकर रहेंगे।

मीरपुर बलिदान दिवस 25 नवंबर को मनाया जाता है। पाकिस्तान ने 75 साल पहले 25 नवंबर, 1947 को जम्मू कश्मीर के मीरपुर-कोटली पर कब्जा कर वहां हजारों लोगों का नरसंहार किया था। पाकिस्तान सेना द्वारा लोगों को यातनाएं दी गई थी। ऐसे हालात में हजारों लाेग पलायन कर जम्मू कश्मीर में आ गए थे। मीरपुर बलिदान दिवस पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए जाते हैं।

इस सिलसिले में दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में गुलाम कश्मीर के लोगों की दुर्दशा का हवाला देते हुए डा. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक ही नहीं, राष्ट्रीय एजेंडा भी है। गुलाम कश्मीर से आए भाइयों के मानवाधिकारों का सम्मान करना हमारी जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि इस समय गुलाम कश्मीर में रहने वाले लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है। उन्हें स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं। डा. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि देश का विभाजन एक बहुत बड़ी त्रासदी था। देश के साथ इस त्रासदी में जम्मू कश्मीर को भी बहुत नुकसान हुआ था। इसके बाद जम्मू कश्मीर के एक हिस्से पर पाकिस्तान का कब्जा करना दूसरी बड़ी त्रासदी था।

जम्मू कश्मीर को लेकर नेहरू सरकार की गलतियों का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जानबूझ कर करीब 560 रजवाड़ों को देश में शामिल कर रहे सरदार पटेल को जम्मू कश्मीर मामले से दूर रखा गया। अगर उन्हें जम्मू कश्मीर में भी कार्रवाई करने दी जाती तो प्रदेश का इतिहास और भूगोल कुछ और होता। अगर पटेल जम्मू कश्मीर मामले को संभालते तो आज गुलाम कश्मीर न होता। उन्होंने कहा कि जब 1947 में पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर पर हमला किया तो उस समय नेहरू ने जम्मू कश्मीर में सेना को भेजने में भी आनाकानी की थी। उन्होंने कहा कि जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले अपने इलाके वापस लेने की कार्रवाई शुरू की तो उसे रोक दिया गया।

डोमिसाइल सर्टिफिकेट बनाने के लिए कैंप भी लगाए : मीरपुर बलिदान दिवस पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान दिल्ली में बसे गुलाम कश्मीर से पलायन कर आने वाले परिवारों को डोमिसाइल सर्टिफिकेट देने के लिए विशेष कैंप भी लगाया गया। इस दौरान डा. जितेन्द्र सिंह ने समुदाय से अपील की कि सभी लोग अपने डोमिसाइल सर्टिफिकेट बनाएं। इससे इन परिवारों की कई प्रकार की समस्याओं का समाधान करना संभव होगा।

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