Jammu News: गृहमंत्री अमित शाह के इस बयान के बाद डीजीपी स्वैन के आवास की सुरक्षा में एक-तिहाई होगी कटौती
बीते दिन पहले गृहमंत्री अमित शाह से अपने एक बयान में कहा था कि केंद्र की योजना जम्मू-कश्मीर से सुरक्षाबलों की संख्या घटाने और इसके साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम पुलिस पर छोड़ने की है। जो अब होता हुआ दिखाई दे रहा है। इसी कड़ी में पुलिस ने संरक्षित व्यक्तियों की सुरक्षा में अतिरिक्त कर्मियों को हटाने के लिए अभियान शुरू किया।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। पुलिस (Jammu Police) ने संरक्षित व्यक्तियों की सुरक्षा में अतिरिक्त कर्मियों को हटाने के लिए आंतरिक अभियान शुरू किया है। इसके तहत पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन (DGP RR Swain) के जम्मू आवास (Jammu News) पर सुरक्षा कर्मचारियों में एक तिहाई की कमी की जाएगी। यह निर्णय प्रदेश में समग्र सुरक्षा स्थिति में सुधार और आतंकी गतिविधियों में कमी को लेकर गठित तीन सदस्यीय समिति की सिफारिश पर लिया है।
गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद अभियान शुरू
यह कदम गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के उस बयान के कुछ दिनों बाद उठाया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र की योजना जम्मू-कश्मीर से सुरक्षाबलों की संख्या घटाने और कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम पुलिस पर छोड़ने की है। भारतीय रिजर्व पुलिस की 12वीं बटालियन की कमांडिंग ऑफिसर रश्मी की अध्यक्षता वाली समिति ने डीजीपी के आवास से सुरक्षा कम करने की सिफारिश की थी।
डीजीपी ने सिफारिशों को किया स्वीकार
समिति में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (सुरक्षा) शमशेर हुसैन और निदेशक (पुलिस दूरसंचार) मनोज पंडिता शामिल थे। पुलिस अधिकारी ने कहा कि पहली बार डीजीपी के जम्मू आवास पर तैनात गार्ड कम किए जा रहे हैं। डीजीपी ने सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है।यह भी पढ़ें: Udhampur Seat: 'हम किसी से प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे, हमारे विपक्ष...', चुनाव प्रचार के बीच भाजपा उम्मीदवार जितेंद्र सिंह
DGP ने सीआरपीएफ की टुकड़ी को भी मुक्त करने का दिया सुझाव
यही नहीं, डीजीपी ने जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में पांच चरणों में 19 अप्रैल को ऊधमपुर सीट से शुरू होने वाले चुनावों के दौरान श्रीनगर में अपने आवास की सुरक्षा करने वाली सीआरपीएफ की टुकड़ी को मुक्त करने का भी सुझाव दिया है। पुलिस सीसीटीवी कैमरों और खुफिया जानकारी जुटाने सहित आधुनिक तकनीक के उपयोग पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है।ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संरक्षित व्यक्तियों की सुरक्षा से समझौता न हो और आम लोगों की समग्र सुरक्षा में सुधार के लिए आतंक के खिलाफ जीरो टालरेंस हो। नेताओं और अधिकारियों सहित महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए कुछ वर्षों में 25 हजार पुलिस कर्मियों को स्थानांतरित किया गया है।यह भी पढ़ें: Jammu Lok Sabha Election 2024: ...और टूट गया मंच, फिर नाराज अभिनेता सुनील दत्त ने नहीं दिया भाषण, पढ़िए ये चुनावी किस्सा
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