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ऑपरेशन पराक्रम में शामिल जवान को गलत खून चढ़ाने से हुआ था HIV, अब 22 साल बाद IAF ने दिया इतना जुर्माना

साल 2002 में इंडियन एयरफोर्स (Indian AirForce) के जवान को जम्मू-कश्मीर के अस्पताल में दूषित खून चढ़ा दिया गया था। जिसके कारण वह एचआईवी संक्रमित हो गया। पिछले साल अदालत ने सेवानिवृत्त सैनिक की याचिका पर वायुसेना को उन्हें लगभग 1.5 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर देने का निर्देश दिया। वायुसेना ने कहा कि जवान को 18 लाख रुपए दे दिए गए हैं।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 17 Jul 2024 08:59 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर के सांबा में एक सैन्य अस्पताल में जवान को चढ़ाया दूषित ब्लड (सुप्रीम कोर्ट फाइल फोटो)

पीटीआई, जम्मू। भारतीय वायुसेना ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 2002 में जम्मू-कश्मीर के सांबा में एक सैन्य अस्पताल में दूषित रक्त चढ़ाने से एचआइवी संक्रमित हुए जवान को 18 लाख रुपये दिए गए हैं।

मुआवजे की शेष राशि अदालत की रजिस्ट्री में जमा करा दी गई है। जवान अब सेवानिवृत्त हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त सैनिक की याचिका पर वायुसेना को उन्हें लगभग 1.5 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर देने का निर्देश पिछले वर्ष 26 सितंबर को दिया था।

जवान को एक यूनिट चढ़ाया था खून

इस सैनिक को 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू किए गए ऑपरेशन पराक्रम के दौरान बीमार होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्हें एक यूनिट रक्त चढ़ाना पड़ा था।

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल अप्रैल में इस मामले में सितंबर 2023 के अपने फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध करने संबंधी एक याचिका खारिज कर दी थी।

कोर्ट में मंगलवार को हुई सुनवाई

पूर्व सैनिक ने न्यायालय के 2023 के फैसले में जारी निर्देशों की अवमानना का आरोप लगाने वाली एक याचिका दाखिल की जिस पर मंगलवार को पीठ में सुनवाई हुई। पीठ ने कहा कि अदालत की रजिस्ट्री में जमा कराई गई राशि पूर्व सैनिक को जारी की जाए।

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