आतंकी हमले में मंदिर क्षतिग्रस्त, लेकिन शिवलिंग को नहीं हुआ नुकसान; भारत-पाक युद्ध के समय बना था शिवालय
Akhnoor Terror Attack अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास केरी बट्टल में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच करीब 27 घंटे तक चली मुठभेड़ में तीनों आतंकी ढेर हो गए। आतंकी प्राचीन शिव आसन मंदिर में छिपे थे लेकिन मुठभेड़ के दौरान मंदिर का बाहरी और भीतरी ढांचा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि मंदिर का पवित्र शिवलिंग सुरक्षित है।
जागरण संवाददाता, जम्मू। पाकिस्तान के साथ लगती नियंत्रण रेखा के अखनूर सेक्टर में केरी बट्टल में आतंकियों के साथ सुरक्षाबल की करीब 27 घंटे मुठभेड़ चली। इसमें जवानों ने तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया। आतंकी घुसपैठ कर बट्टल में प्राचीन शिव मंदिर में छिप गए थे। मुठभेड़ के दौरान शिव आसन मंदिर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन वहां लगा प्राचीन शिवलिंग जस का तस है।
गोलीबारी में क्षतिग्रस्त हो गया मंदिर का ढांचा
इतना ही नहीं, शिवलिंग के ऊपर लगी जल की गागर भी पवित्रता बनाए हुए है। आतंकी जब शिव आसन मंदिर में छिपे थे तो सुरक्षाबल के जवानों ने उन पर वहीं प्रहार किया था। इस दौरान हुई गोलाबारी में मंदिर का बाहरी और भीतरी ढांचा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन मंदिर के पवित्र शिवलिंग का बाल भी बांका नहीं कर पाए आतंकी।योद्धाओं के लिए प्रेरणास्रोत है मंदिर
शिव आसन मंदिर योद्धाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। शिव आसन मंदिर का निर्माण वर्ष 1965 भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान सेना द्वारा करवाया गया था। तब से अखनूर सेक्टर के जोगवां गांव में जो भी सेना की नई यूनिट तैनात होती है वह सबसे पहले इस मंदिर में पूजा अर्चना करती है। सेना की यूनिट मंदिर का विस्तार करने में अपना योगदान देती है। मंदिर में सैन्य कर्मी अक्सर भंडारे का आयोजन करते रहते हैं।यह भी पढ़ें- 'AI की मदद से आतंकियों को किया गया ढेर', अखनूर एनकाउंटर के बाद मेजर जनरल का खुलासा
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