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Amarnath Yatra: स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर दिया जाएगा विशेष ध्‍यान, श्रद्धालुओं का पहली बार साथ देगी ई-संजीवनी

Amarnath Yatra 2023 इस बार अमरनाथ यात्रा में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है। श्रद्धालुओं को टेलीमेडिसिन के साथ पहली बार ई-संजीवनी की सुविधा भी मिलेगी। इन सुविधाओं से यात्रा मार्ग पर तैनात डाक्टर श्रद्धालुओं का उत्तम इलाज के लिए श्रीनगर में बैठे विशेषज्ञ डाक्टरों से परामर्श ले सकेंगे। बता दें ई-संजीवनी भी टेलीमेडिसिन की तरह ही है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Tue, 27 Jun 2023 10:37 AM (IST)
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स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर दिया जाएगा विशेष ध्‍यान, श्रद्धालुओं का पहली बार साथ देगी ई-संजीवनी
जम्मू, रोहित जंडियाल: अमरनाथ यात्रा में इस बार स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान है। आधार शिविर से लेकर अमरेश्वर धाम तक श्रद्धालुओं को टेलीमेडिसिन के साथ पहली बार ई-संजीवनी की सुविधा भी मिलेगी। इन सुविधाओं से यात्रा मार्ग पर तैनात डाक्टर श्रद्धालुओं का उत्तम इलाज के लिए श्रीनगर में बैठे विशेषज्ञ डाक्टरों से परामर्श ले सकेंगे। दोनों सुविधाओं का मुख्य केंद्र शेर-ए-कश्मीर इंस्टीटयूट आफ मेडिकल साइंसेस (स्किम्स), सौरा श्रीनगर में बनाया गया है।

पैरामेडिकल स्‍टाफ यात्रा मार्गों पर देगा ड्यूटी

मंगलवार से डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ यात्रा मार्गों और आधार शिविरों में ड्यूटी संभाल लेगा। बता दें कि यात्रा मार्गों पर 29 स्वास्थ्य सेवा केंद्र बनाए गए हैं। इनमें 1800 डाक्टर व पैरा मेडिकल कर्मी लगाए गए हैं, यह संख्या पिछले वर्ष से चार सौ अधिक है।

अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालु बालटाल और पहलगाम दोनो ही मार्गों से जाते हैं। समुद्र तल से 12 हजार से 14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित विभिन्न पड़ावों में यात्रा करते समय श्रद्धालुओं को हृदय रोग, सांस संबंधी रोगों से सबसे अधिक परेशान होना पड़ता है।

शेषनाग और पंचतरणी में टेलीमेडिसिन की सुविधा रखी

इसे देखते हुए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इसरो की सहायता के साथ पहलगाम मार्ग पर शेषनाग और पंचतरणी में टेलीमेडिसिन की सुविधा रखी है। इन दोनों जगहों पर बने अस्पतालों में टेलीमेडिसिन यूनिट स्थापित किए गए हैं। यहां बैठे डाक्टर मरीजों को आनलाइन तरीके से स्किम्स श्रीनगर में विशेषज्ञ डाक्टर से जोड़ेंगे और इलाज के लिए परामर्श लेंगे। पंचतरणी वह केंद्र है, जहां बालटाल मार्ग के श्रद्धालु भी आसानी से पहुंच सकते हैं।

ई-संजीवनी भी टेलीमेडिसिन की तरह ही है। यात्रा मार्ग पर इंटरनेट की सुविधा होने के कारण इसे यात्रा मार्ग पर स्थिति सभी स्वास्थ्य केंद्रों में लागू किया गया है। किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में अगर मरीज को बेहतर इलाज की जरूरत पड़ेगी तो वहां पर मौजूद डाक्टर ई-संजीवनी से श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर इंस्टीटयूट आफ मेडिकल साइंसेस के विशेषज्ञ डाक्टरों के साथ संपर्क कर सकेंगे।

जम्मू में पहुंचे साधु

अमरनाथ यात्रा के जम्मू में साधुओं का पहुंचना शुरू हो गया है। गीता भवन, श्रीराम मंिदर में साधुओं के ठहरने का इंतजाम किया गया है। जम्मू के भगवतीनगर यात्री निवास में तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र को अपनी सुरक्षा में ले लिया है। मंदिरों में साधु दिन भर भोले बाबा के भजनों में लीन रहते हैं।

यात्रा के दौरान चार शिफ्टों में काम करेगा चिकित्सा स्टाफ

यात्रा मार्ग पर डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ को अधिक ड्यूटी नहीं देनी होगी। पहले जहां दिन में तीन शिफ्टों में ड्यूटी होती थी तो वहीं इस बार चार शिफ्टों में ड्यूटी होगी। एक टीम को छह घंटे ही ड्यूटी देनी होगी। इसके लिए स्टाफ की संख्या भी बढ़ाई गई है। पिछले वर्ष यात्रा मार्गों पर 1400 डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ तैनात थे, लेकिन इस बार यह संख्या 1800 कर दी गई है।

इसमें केंद्र सरकार के 188, अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 695, जम्मू कश्मीर सरकार के 907 चिकित्साकर्मी शामिल हैं। इस साल बालटाल व चंदनबाड़ी में 100 बेड का अस्पताल भी बनाया गया है। आक्सीजन सिलेंडर और बेड सभी की संख्या बढ़ाई गई है।

यात्रा मार्ग में श्रद्धालुओं को आने वाली समस्याओं को देखते हुए पहली बार ई-संजीवनी का इस्तेमाल किया जा रहा है। टेलीमेडिसिन की जहां पर सुविधा होगी वहां डाक्टर ई-संजीवनी से भी परामर्श ले सकते हैं। टेलीमेडिसिन यूनिट दो ही जगहों पर बनाए गए हैं, लेकिन ई-संजीवनी की सुविधा यात्रा मार्ग पर स्थित सभी स्वास्थ्य केंद्रों में होगी। -भूपेंद्र कुमार, प्रशासनिक सचिव, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग

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