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Amarnath Yatra: न भय न चिंता.... अमरनाथ यात्रा का बदल रहा स्वरूप, बदले हालात में अब सीधे कश्मीर पहुंच रहे श्रद्धालु

जम्मू-कश्मीर में कुछ दिन पहले आतंकी वारदातें घटित हुईं। जिसके बाद वैष्णो देवी भवन और अमरनाथ धाम पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए गए थे। एक समय था जब कश्मीर में डर और खौफ के साये में श्रद्धालु यात्रा करते थे। लेकिन अमरनाथ यात्रा पर अब श्रद्धालु बिना किसी खौफ और चिंता के जयकारों के साथ यात्रा करते नजर आ रहे हैं।

By lalit k Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 05 Jul 2024 07:01 PM (IST)
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अमरनाथ यात्रा के लिए पहला जत्था 28 जून को हुआ था रवाना
जागरण संवाददाता, जम्मू। कश्मीर में बदलते हालात के बीच अब वार्षिक अमरनाथ यात्रा का स्वरूप भी बदल रहा है। एक समय था जब कश्मीर में डर और खौफ के साये में यह यात्रा होती थी।

ऐसे में देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालु जम्मू से दैनिक जत्थे के साथ सुरक्षा घेरे में ही यात्रा करने को प्राथमिकता देते थे लेकिन अब जैसे-जैसे कश्मीर के हालात बदल रहे हैं, श्रद्धालु बेखौफ होकर सीधे कश्मीर पहुंच रहे हैं।

जिन श्रद्धालुओं ने अभी तक अपना यात्रा पंजीकरण नहीं करवाया है, वे भी सीधे बालटाल व पहलगाम आधार शिविर पहुंच रहे हैं और वहीं पर अपना तत्काल पंजीकरण करवाकर यात्रा पर आगे बढ़ रहे हैं। यहीं कारण है कि अब जम्मू से जत्थे के साथ रवाना होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम होती जा रही है।

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28 जून को रवाना हुआ था पहला जत्था

इस बार 29 जून को वार्षिक अमरनाथ यात्रा आरंभ हुई थी जिसके लिए जम्मू से पहला जत्था 28 जून को रवाना हुआ था। जम्मू से अभी तक आठ जत्थों में 46,589 श्रद्धालु यात्रा पर रवाना हुए है तो वहीं करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु अभी तक पवित्र हिमलिंग के दर्शन कर चुके है।

ऐसे में साफ है कि जम्मू से मात्र 30 प्रतिशत श्रद्धालु ही दैनिक जत्थे के साथ यात्रा पर रवाना हो रहे है और शेष 70 प्रतिशत श्रद्धालु सीधे कश्मीर पहुंच कर अपनी यात्रा कर रहे हैं। खास बात यह भी है कि इस बार अभी तक मौसम ने भी पूरा साथ दिया है और कहीं भी खराब मौसम के साथ यात्रा को रोकना नहीं पड़ा।

पंजीकरण केंद्रों पर लगी श्रद्धालुओं की भीड़

यात्रा को लेकर इस बार श्रद्धालुओं के उत्साह का अंदाजा तत्काल पंजीकरण केंद्रों के बाहर लग रही लंबी कतारों से भी लग रहा है। जो श्रद्धालु बिना पंजीकरण जम्मू पहुंच रहे हैं, उनका तत्काल पंजीकरण करने के लिए प्रशासन की ओर से शहर में पांच केंद्र बनाए गए है और इन पांचों के केंद्रों पर रोजाना श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।

उधर, पहलगाम व बालटाल में भी तत्काल पंजीकरण के लिए रोजाना श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लग रही है। आलम यह है कि निर्धारित कोटे से श्रद्धालुओं की संख्या कहीं अधिक होने के कारण श्रद्धालुओं को कई-कई दिन बाद का पंजीकरण मिल रहा है।

मौजूदा समय में जो श्रद्धालु तत्काल पंजीकरण करवा रहे हैं, उन्हें दो से तीन दिन बाद का पंजीकरण मिल रहा है। इस बार 29 जून से आरंभ हुई यात्रा 19 अगस्त को सम्पन्न होनी है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु इस बार भी यात्रा करेंगे।

जम्मू से अब तक रवाना हुए श्रद्धालु

  • 28 जून : 4603
  • 29 जून : 4029
  • 30 जून : 6619
  1. पहली जुलाई: 6461
  2. दो जुलाई: 6537
  3. तीन जुलाई : 5725
  4. चार जुलाई : 5696
  5. पांच जुलाई : 6919
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