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Amarnath Yatra 2024: माउंटेन रेस्क्यू टीम ने अमरनाथ यात्रियों का रखा खास ख्‍याल, 1300 से अधिक श्रद्धालुओं की बचाई जान

Amarnath Yatra 2024 अमरनाथ यात्रा संपन्न हो गई है। यात्रा 52 दिन चलने के बाद सोमवार को समाप्‍त हो गई है। इस बार माउंटेन रेस्‍क्‍यू टीम ने अमरनाथ यात्रियों का खास ख्‍यास रखा। टीम ने 1300 से अधिक श्रद्धालुओं की मदद की। पहलगाम यात्रा मार्ग पर 8 माउंटेन रेस्क्यू टीमों को तैनात किया गया था जबकि बालटाल रोड पर पांच टीमें तैनात रही।

By satnam singh Edited By: Himani Sharma Updated: Mon, 19 Aug 2024 10:17 PM (IST)
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यात्रा के दौरान एमआरटी ने श्रद्धालुओं की मदद की
जागरण संवाददाता, जम्‍मू। अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2024) सोमवार को समाप्‍त हो गई है। यात्रा के दौरान माउंटेन रेस्क्यू टीमों ने श्रद्धालुओं का खास ख्‍याल रखा। एक दर्जन से अधिक माउंटेन रेस्क्यू टीमों (Mountain Rescue Team) ने श्री बाबा अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की मदद की। बीस हजार से अधिक श्रद्धालुओं को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई तो बीमार हुए कई श्रद्धालुओं को नजदीकी कैंपों तक पहुंचाया।

माउंटेन रेस्क्यू टीम में शामिल थे तीन फोर्स के जवान

माउंटेन रेस्क्यू टीमों में जम्मू कश्मीर पुलिस स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स, नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान शामिल थे। इन टीमों को श्री बाबा अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले ही 24 जून को यात्रा के दोनों मार्गों पर संवेदनशील जगहों पर तैनात कर दिया गया था। पहलगाम यात्रा मार्ग पर 8 माउंटेन रेस्क्यू टीमों को तैनात किया गया था जबकि बालटाल रोड पर पांच टीमें तैनात रही।

20000 श्रद्धालुओं को ऑक्सीजन करवाई उपलब्ध

मदद की जरूरत महसूस कर रहे 1300 से अधिक श्रद्धालुओं को बचाया जबकि यात्रा के दौरान 20000 श्रद्धालुओं को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई गई। माउंटेन रेस्क्यू टीम के प्रभारी इंस्पेक्टर राम सिंह जो माउंट एवरेस्ट फतेह करने वाले जम्मू कश्मीर पुलिस के पहले कर्मी हैं, के अनुसार सेवाएं उपलब्ध करवाने वाले स्थानीय लोगों और सुरक्षा बलों की भी मदद की गई जो ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाकर बीमार हो गए थे और बर्फ वाले क्षेत्र में उन्हें परेशानी पेश आ रही थी।

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बीस हजार से अधिक रेनकोट निशुल्क श्रद्धालुओं में बांटे

बीस हजार से अधिक रेनकोट निशुल्क श्रद्धालुओं में बांटे गए। माउंटेन रेस्क्यू टीमों को यात्रा के मार्गों पर शेषनाग, महागणेश टाप, पोशपतरी, दर्द कोटे, संगम टाप, बरारी मार्ग और रेल पत्तरी में तैनाती रही। टीम के हर सदस्य के पास व्यक्तिगत किट थी जिसमें जिसमें पहाड़ी क्षेत्रों में बचाव कार्यों के काम आने वाले उपकरण शामिल थे।

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इनमें हेलमेट ,ऑक्सीजन सिलेंडर, फर्स्ट एड किट, हिमस्खलन रॉड, आदि शामिल थे। एसडीआरएफ के प्रवक्ता के अनुसार यात्रा के दौरान माउंटेन रेस्क्यू टीम का योगदान अहम रहा है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों से बहुत कम श्रद्धालुओं की मौत हुई।

माउंटेन रेस्क्यू टीमों ने सक्रिय होकर किया काम

माउंटेन रेस्क्यू टीमों ने सक्रिय होकर काम किया। एसडीआरएफ की तरफ से एक वीडियो भी जारी किया गया है जिसमें श्रद्धालुओं की मदद करते दिखाया गया है। एक महिला श्रद्धालु ने कहा कि एसडीआरएफ के कर्मियों के प्रति काफी धन्यवाद है, उनके बिना यात्रा संभव नहीं होती। तब कोई परेशानी नहीं थी जब एसडीआर की की टीम हमारे साथ थी। इन टीमों के प्रशिक्षण और समन्वय से यात्रा बहुत अच्छी रही।

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