Amarnath Yatra: भारी बारिश के बाद रोकी गई अमरनाथ यात्रा, 80 से अधिक लंगर भी लौटे वापस
11 अगस्त को भारी बारिश के बाद रखरखाव कार्य के लिए पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों से अमरनाथ यात्रा कल (12 अगस्त) के लिए स्थगित कर दी गई है। इससे पहले आर्टिकल 370 हटाए जाने के पांच साल पूरे होने वाले दिन यात्रा को स्थगित किया गया था। साथ ही अमरनाथ यात्रा का 12 वर्ष का रिकॉर्ड टूट गया है। दर्शनार्थियों का आंकड़ा पांच लाख के पार हो गया है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। अमरनाथ धाम की यात्रा के लिए इस बार श्रद्धालुओं का चरम पर है। वहीं, 11 अगस्त को भारी बारिश हुई, जिस कारण यात्रा को कल के लिए स्थगित कर दिया गया है। तीर्थयात्रा शुरू होने के पहले दिन से ही श्रद्धालु बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए आतुर दिखाई दे रहे हैं। अभी यात्रा पूरी होने के आठ दिन शेष हैं, लेकिन दर्शनार्थियों की संख्या ने पिछले 12 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है।
बारिश के कारण 12 अगस्त को स्थगित की गई यात्रा
कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने कहा कि आज भारी बारिश के कारण श्री अमरनाथ जी यात्रा मार्ग के बालटाल मार्ग पर तत्काल मरम्मत और रखरखाव कार्य किए जाने की आवश्यकता है। यात्रियों की सुरक्षा के हित में कल भी बालटाल मार्ग से यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। समय आने पर आगे की जानकारी दी जाएगी।
29 जून से शुरू हुई तीर्थयात्रा में अब तक 5.10 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा के दर्शन कर चुके हैं। इससे पहले वर्ष 2011 की पूरी तीर्थ यात्रा में 6.34 लाख और 2012 में 6.22 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। इस बार यात्रा 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा को रक्षाबंधन के दिन संपन्न होगी।
रविवार को 1244 श्रद्धालुओं ने किए पवित्र गुफा के दर्शन
रविवार को 1244 श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए। इनमें 613 पुरुष, 243 महिलाएं, 8 बच्चे, 25 साधु और 355 अन्य लोग शामिल थे। इसके साथ ही अब तक दर्शन करने वालों की संख्या 5,11,813 पहुंच गई है। हालांकि, रविवार को जम्मू यात्री निवास से श्रद्धालुओं का रवाना नहीं हुआ।
पांच अगस्त को जत्था नहीं किया गया था रवाना
इस साल अनुच्छेद 370 की समाप्ति के पांच वर्ष पूरे होने पर पांच अगस्त को सुरक्षा के मद्देनजर यात्रा के जत्थे को रवाना नहीं किया गया था, बाकी पूरी अवधि के दौरान यात्रा सुचारु रही। वर्षा के कारण मात्र एक बार पहलगाम व बालटाल मार्ग से यात्रा को स्थगित किया गया था। पिछले वर्ष जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन के कारण यात्रा को चार बार स्थगित किया गया था।
80 से अधिक लंगर लौटे वापस
इस बार जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामबन जिले के चंद्रकोट में बनाए गए यात्री निवास में श्रद्धालुओं को ठहराने की जरूरत महसूस नहीं हुई। यह सब इसलिए संभव हो पाया क्योंकि मौसम की मेहरबानी बनी रही। यात्रा के दोनों मार्गों पर 125 लंगर लगाए गए थे, जिससे श्रद्धालुओं को किसी किस्म की परेशानी नहीं आई। फिलहाल, 80 से अधिक लंगर लौट गए हैं।
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