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Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा के लिए तीसरा जत्था हुआ रवाना, 4,903 भक्त करेंगे बाबा बर्फानी के दर्शन

Amarnath Yatra अमरनाथ यात्रा के लिए 4903 तीर्थयात्रियों तीसरा जत्था रविवार को जम्मू शहर से घाटी के लिए रवाना हुआ। अधिकारियों ने कहा कि शनिवार को 7900 यात्रियों ने गुफा मंदिर के अंदर दर्शन किए। अधिकारियों ने कहा कि इनमें 3790 पुरुष 847 महिलाएं तीन बच्चे 251 साधु आठ साध्वियां और चार ट्रांसजेंडर शामिल हैं। यात्रा 62 दिनों तक चलेगी।

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sun, 02 Jul 2023 03:00 PM (IST)
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अमरनाथ यात्रा के लिए तीसरा जत्था हुआ रवाना

श्रीनगर, आईएएनएस। Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा एक जुलाई से शुरू हो चुकी है। अमरनाथ यात्रा का पूरा मार्ग भोले बाबा के जयघोष से गूंज उठा है। वहीं, आज अमरनाथ यात्रा के लिए 4,903 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था रविवार को जम्मू शहर से घाटी के लिए रवाना हुआ। अधिकारियों ने कहा कि शनिवार को 7,900 यात्रियों ने गुफा मंदिर के अंदर दर्शन किए। जबकि अधिक यात्री आज सुबह उत्तरी कश्मीर बालटाल और दक्षिण कश्मीर पहलगाम आधार शिविरों से पवित्र गुफा के लिए रवाना हुए।

4,903 यात्रियों का तीसरा जत्था रवाना

जानकारी के मुताबिक 4,903 यात्रियों का एक और जत्था आज सुबह भगवती नगर यात्री निवास से सुरक्षा काफिले में घाटी के लिए रवाना हुआ। अधिकारियों ने कहा कि इनमें 3790 पुरुष, 847 महिलाएं, तीन बच्चे, 251 साधु, आठ साध्वियां और चार ट्रांसजेंडर शामिल हैं। 62 दिनों तक चलने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई को शुरू हुई और 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा उत्सव के साथ समाप्त होगी।

समुद्र तल से 3888 मीटर ऊपर स्थित है अमरनाथ गुफा

समुद्र तल से 3888 मीटर ऊपर स्थित, गुफा मंदिर में एक बर्फ की संरचना है। जिसमें भक्तों की आपार श्रद्धा है। भक्तों का मानना है कि यह भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है। बर्फ के स्टैलेग्माइट की संरचना चंद्रमा की कलाओं के साथ घटती और बढ़ती रहती है।

श्रद्धालुओं के लिए हैं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए सेना, अर्धसैनिक बलों और स्थानीय पुलिस द्वारा 3-स्तरीय सुरक्षा सहित सुरक्षा व्यवस्था की गई है। क्वाडकॉप्टर, नाइट विजन डिवाइस, त्वरित प्रतिक्रिया आपदा प्रबंधन दल और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी कुछ ऐसे गैजेट हैं जो मानव सतर्कता और पहरेदारी को बढ़ाने के लिए लगाए गए हैं। बालटाल और पहलगाम के दो आधार शिविरों के अलावा, गांदरबल जिले में हरिपोरा और कुलगाम जिले में मीरबाजार के दो पारगमन शिविर हैं जो तीर्थयात्रियों की जरूरतों को पूरा करते हैं।

43 किलोमीटर की होती है चढ़ाई

बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक 13 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। वे उसी दिन बेस कैंप लौट आते हैं, जबकि पारंपरिक पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 43 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है, जिसमें उन्हें एक तरफ से 3 से 4 दिन लगते हैं।

कोल्ड ड्रिंक, हलवाई आइटम और तंबाकू उत्पादों पर बैन

ऊंचाई पर होने वाली बीमारी के कारण होने वाली मौतों को रोकने के लिए, अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों के लिए उपलब्ध कोल्ड ड्रिंक, हलवाई आइटम और तंबाकू उत्पादों सहित सभी जंक फूड पर प्रतिबंध लगा दिया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों के मार्ग और इस वर्ष की हिमालयी तीर्थयात्रा के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था की नियमित निगरानी के लिए श्रीनगर के राजभवन में एक यात्रा नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया है।

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