'लड़ाई से अमन नहीं तबाही आती है', अनंतनाग में शहीद हो गए देश के तीन अधिकारी; फारूक पढ़ा रहे शांति का पाठ
Anantnag Encounter नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला ने वीरवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद समाप्त नहीं हुआ है। सिर्फ बातचीत ही जम्मू कश्मीर में शांति और स्थिरता को सुनिश्चित बना सकती है। हिंसा और बंदूक किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। बिना बातचीत के हम यहां शांति बहाल नहीं कर सकते। जंग से सिर्फ तबाही होगी।
By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Thu, 14 Sep 2023 02:16 PM (IST)
जम्मू, जागरण संवाददाता। Anantnag Encounter: अनंतनाग में हुई मुठभेड़ के दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस के एडीजीपी डीएसपी मुजम्मिल हुमायूं बट (Muzammil Humayun Butt), मेजर आशीष धौंचक (Major Ashish Dhaunchak) और कर्नल मनप्रीत सिंह (Colonel Manpreet Singh) बलिदान हो गए।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला (Dr. Farooq Abdullah) डीएसपी मुजम्मिल हुमायूं बट के घर उनके परिजनों के साथ अपनी संवेदना प्रकट करने गए थे। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचात करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद समाप्त नहीं हुआ है। सिर्फ बातचीत ही जम्मू कश्मीर में शांति और स्थिरता को सुनिश्चित बना सकती है।
'लड़ाई से अमन नहीं तबाही आती है'
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि दोनों देशों को मिलकर बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह खून खराबा बंद होना चाहिए। फारूक ने कहा कि लड़ाई किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। आप रूस और यूक्रेन का ही हाल देख लिजिए, वहां लड़ाई के कारण तबाही मची हुई है। उन्होंने कहा कि मुझे इसका अंत नहीं दिख रहा है। आज राजौरी में एनकाउंटर हुआ, रोज एनकाउंटर हो रहे हैं।#WATCH | On the encounter in Rajouri, National Conference (NC) president Farooq Abdullah says, "I don't see the end of this. Today we had an encounter in Rajouri, there are encounters daily. The government shouts daily that militancy is over. Now tell me, is militancy over? This… pic.twitter.com/pD3Rslo31G
— ANI (@ANI) September 14, 2023
'दोनों देशों को मिलकर करनी चाहिए बातचीत'
सरकार रोज चिल्लाती है कि आतंकवाद खत्म हो गया है। अब मुझे बताओ, क्या आतंकवाद खत्म हो गया है? यह तब तक खत्म नहीं होगा जब तक कोई रास्ता नहीं मिल जाता जिससे शांति हासिल की जा सके। शांति लड़ाई से हासिल नहीं की जा सकती, यह बातचीत से आ सकती है। इसलिए दोनों देशों को मिलकर बातचीत करनी चाहिए।
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